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नूंह। किसानों ने प्रस्तावित संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर जिले में किसान नेताओं ने केएमपी मार्ग को करीब एक घंटे के लिए बंद किया। केएमपी के बंद होने से स्थानीय पुलिस के हाथ पैर फूल गए। जिससे पुलिस ने किसानों को समझाकर मार्ग को खुलवाने का प्रयास किया लेकिन किसान नेता धरने पर अडिग रहे। काफी समय बीतने के बाद जब हाइवे को नहीं खोला गया तो पुलिस ने जबरन किसान नेताओं को गिरफ्तार कर पुलिस बस में रोजका मेव थाने में ले गई।
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इस दौरान किसान नेताओं ने पुलिस की जबरन गिरफ्तारी का विरोध कर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर तीन कृषि कानूनों का विरोध किया। सुबह 11 बजे के करीब किसान नेता केएमपी पर पहुंचे। यहां पर हाइवे को उन्होंने करीब एक घंटे तक बंद रखा। गिरफ्तारी के बाद किसान नेताओं को कुछ समय बाद पुलिस ने विधायक आफताब अहमद के जाने के बाद थाने से रिहा कर दिया।
इसके बाद करीब शाम को चार बजे किसान नेता फिर से केएमपी के टोल प्लाजा पर पहुंचकर धरने पर शांतिपूर्वक तरीके से पहुंच गए। इस दौरान किसान नेताओं को थाने से छुड़ाकर लाने के बाद विधायक आफताब अहमद भी किसानों के साथ धरने पर बैठ गए। किसानों के केएमपी पर पहुंचने के साथ फिर से पुलिस मुस्तैद हो गई। इस दौरान किसानों के आक्रोश को देखते हुए भारी पुलिस बल मौजूद रहा।
इस मौके पर किसान नेता रमजान चौधरी, एडवोकेट रशीद व आजाद कंकर खेड़ी ने बताया कि केंद्र सरकार के किसान विरोधी कृषि कानून को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे। आज प्रदेश के साथ देश में किसान सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं। सरकार किसी भी तरह से किसानों की कोई सुनवाई नहीं कर रही है। उन्होंने जबरन किसानों को बस में बैठाकर रोड को खुलवाने का विरोध किया।
उन्होंने कहा कि जब तक कानूनों को रद्द नहीं किया जाता है तब तक किसान धरने पर अडिग रहेंगे। सरकार के अड़ियल रवैये से वह किसी भी कीमत पर डरने वाले नहीं है। अब सरकार से वह आरपार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं।
केएमपी मार्ग बंद करने पर पुलिस के रवैये के खिलाफ किसान नेताओं में काफी आक्रोश दिखा। इस मौके पर मुख्य रूप से डॉ रफीक आजाद, समय सिंह संलबा, एडवोकेट खलील, एडवोकेट अख्तर, तौफीक हिंगनपुर, आसिफ अली चंदेनी सहित अन्य किसान नेता मौजूद रहे।
इस दौरान किसान नेताओं ने पुलिस की जबरन गिरफ्तारी का विरोध कर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर तीन कृषि कानूनों का विरोध किया। सुबह 11 बजे के करीब किसान नेता केएमपी पर पहुंचे। यहां पर हाइवे को उन्होंने करीब एक घंटे तक बंद रखा। गिरफ्तारी के बाद किसान नेताओं को कुछ समय बाद पुलिस ने विधायक आफताब अहमद के जाने के बाद थाने से रिहा कर दिया।
इसके बाद करीब शाम को चार बजे किसान नेता फिर से केएमपी के टोल प्लाजा पर पहुंचकर धरने पर शांतिपूर्वक तरीके से पहुंच गए। इस दौरान किसान नेताओं को थाने से छुड़ाकर लाने के बाद विधायक आफताब अहमद भी किसानों के साथ धरने पर बैठ गए। किसानों के केएमपी पर पहुंचने के साथ फिर से पुलिस मुस्तैद हो गई। इस दौरान किसानों के आक्रोश को देखते हुए भारी पुलिस बल मौजूद रहा।
इस मौके पर किसान नेता रमजान चौधरी, एडवोकेट रशीद व आजाद कंकर खेड़ी ने बताया कि केंद्र सरकार के किसान विरोधी कृषि कानून को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे। आज प्रदेश के साथ देश में किसान सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं। सरकार किसी भी तरह से किसानों की कोई सुनवाई नहीं कर रही है। उन्होंने जबरन किसानों को बस में बैठाकर रोड को खुलवाने का विरोध किया।
उन्होंने कहा कि जब तक कानूनों को रद्द नहीं किया जाता है तब तक किसान धरने पर अडिग रहेंगे। सरकार के अड़ियल रवैये से वह किसी भी कीमत पर डरने वाले नहीं है। अब सरकार से वह आरपार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं।
केएमपी मार्ग बंद करने पर पुलिस के रवैये के खिलाफ किसान नेताओं में काफी आक्रोश दिखा। इस मौके पर मुख्य रूप से डॉ रफीक आजाद, समय सिंह संलबा, एडवोकेट खलील, एडवोकेट अख्तर, तौफीक हिंगनपुर, आसिफ अली चंदेनी सहित अन्य किसान नेता मौजूद रहे।
केएमपी मार्ग को किसानों ने किया बंद, पुलिस ने जबरन बसों में बैठाकर हाइवे से हटाया - अमर उजाला
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