जमशेदपुर, जासं। जमशेदपुर के गदरा आनंद मार्ग जागृति कैंपस में दुर्लभ प्रजाति के सीता अशोक के पौधे में लाल एवं पीले रंग के फूल खिले हैं। 31 मार्च बुधवार को सोनारी कबीर मंदिर के पास निश्शुल्क लाल फूल वाला सीता अशोक सुबह छह से 10 बजे तक बांटे जाएंगे।
आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ग्लोबल जमशेदपुर के सुनील आनंद का कहना है कि आनंद मार्ग के संस्थापक श्री श्री आनंदमूर्ति जी ने यौगिक चिकित्सा एवं द्रव्य गुण एवं कृषि कथा में अशोक की उपलब्धता एवं औषधीय महत्व के विषय में चर्चा करते हुए बताते हैं कि सीता अशोक शो प्लांट के रूप में लगाए जाने वाले अशोक से भिन्न है। अशोक फूल अधिकांश क्षेत्रों में लाली फूल लिए होते हैं किंतु सुनहरे और पीले अशोक फूल भी होते हैं। अशोक अतिगर्म अंचल, अति शीतल अंचल छोड़कर भारत में सभी जगह अशोक का पेड़ होता है। अशोक का फूल, छाल और मूल नाना प्रकार के औषधीय बनाने में काम आते हैं। विशेषकर विभिन्न प्रकार महिलाओं से संबंधित व्याधियों में अशोक के औषधीय गुण सर्व स्वीकृत है। अशोकासव, अशोकारिष्ट औषधियां अशोक से बनती है। पौराणिक नवपत्रिका( 9 पौधे के पत्तों से बनी देवी मूर्ति) में अशोक अनंतम है। अशोक की अधिष्ठात्री तांत्रिक देवी का नाम है शोकरहित। अशोक का मतलब होता है जहां शोक ना हो।
ये है कहानी
कहा जाता है कि रावण ने जब सीता जी का हरण किया था तो रावण के पास बहुत सारी वाटिका थी परंतु सीता जी के स्वास्थ्य लाभ का ध्यान रखते हुए रावण ने सीता जी को अशोक वाटिका में ही रखा क्योंकि अशोक के संपर्क में रहने से महिलाओं से संबंधित बीमारियां का इलाज संभव है। लगभग सभी ऋषि महर्षियों का मानना है कि अशोक महिलाओं के संबंधित बीमारियों में काफी लाभप्रद है।
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Sita Ashok Tree: गदरा आनंद मार्ग में सीता अशोक के पौधे में लाल-पीले रंग के फूल खिले, है दुर्लभ पेड - दैनिक जागरण
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