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अहरौला। क्षेत्र का अहरौला-कप्तानगंज मार्ग लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। कई बार इस मार्ग को लेकर लोगों ने आंदोलन किया लेकिन आज तक लोगों केे आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। अब तक इस मार्ग की सूरत नहीं बदली। जबकि प्रदेश सरकार द्वारा कई बार सड़कों को गड्ढ़ामुक्त करने का आदेश जारी किया जा चुका है। लेकिन इस मार्ग की ओर किसी का ध्यान ही नहीं है। अहरौला-कप्तानगंज मार्ग इस कदर जर्जर है कि कदम-कदम पर जानलेवा गड्ढ़े बन गए हैं। सड़क पर पर चलना मुसाफिरों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं। अहरौला से कप्तानगंज की दूरी 21 किमी है। जिला मुख्यालय सहित आजमगढ़-फैजाबाद हाईवे को जोड़ने वाले इस मार्ग को 2015 में प्रधानमंत्री सड़क योजना में स्थानांतरित कर दिया गया था। लेकिन 5 साल में इस पर किसी तरह की मरम्मत का काम नहीं किया गया। हालत यह हो गई है कि पूरा मार्ग गड्ढों में तब्दील हो गया है। जून 2020 में प्रधानमंत्री सड़क योजना से यह मार्ग मुक्त हो गया लेकिन प्रधानमंत्री सड़क योजना और पीडब्ल्यूडी दोनों सड़क की बदहाली से मुक्ति नहीं दिला सके हैं। पीडब्ल्यूडी प्रधानमंत्री सड़क योजना से इस मार्ग को गड्ढा मुक्त करके हैंडओवर करने की मांग कर रहा था लेकिन मामला दोनों विभागों के बीच में लंबा खींचता रहा। जिसका परिणाम रहा प्रधानमंत्री सड़क योजना के द्वारा इसे गड्ढा मुक्त नहीं किया जा सका। जिसके कारण हैंडओवर लेने से पीडब्ल्यूडी पीछे हट गया। क्षेत्र की जनता ने दो बार समाजसेवी लक्ष्मी चौबे के नेतृत्व में भूख हड़ताल किया। जिसमें पहुंचे विभाग के लोगों ने अगले दिन से ही काम शुरू करने का आश्वासन देकर धरना को समाप्त कराया था लेकिन अबतक कार्य शुरू नहीं हो सका। विभाग पर वादाखिलाफी का आरोप लगा कर लोगों ने भूख हड़ताल तो पुलिस ने नामजद सहित 50 अज्ञात के खिलाफ कोविङ महामारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करया था। लगभग 15 घंटे बाद पहुंचे विभाग के लोगों ने सड़क की मरम्मत शुरू कराने का पुन: आश्वासन देकर धरने को खत्म कराया था।
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आश्वासन पर आश्वासन फिर भी नहीं बदली मार्ग की सूरत - अमर उजाला
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