कटिहार। हसनगंज प्रखंड को कोढ़ा प्रखंड को जोड़ने वाली सड़क का चार वर्ष बाद भी जीर्णोद्धार नहीं हो पाया है। बाढ़ में ध्वस्त इस सड़क के निर्माण को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने कई बार जनप्रतिनिधियों एवं विभागीय अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया। लेकिन इस दिशा में अब तक कोई पहल नहीं हो पाई है। सड़क जर्जर होने के कारण लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कोसी नदी की छाड़न कहे जाने वाले चांपी घाट, भसना नदी, कमला नदी बरसात के समय काफी तबाही मचाती है। वर्ष 2017 की भीषण बाढ़ में प्रखंड क्षेत्र के नया टोला गांव स्थित चांपी पुल के समीप सड़क ध्वस्त हो गया था। जिससे सड़क के बीच करीब 38 फीट का कुंड बन गया है। सड़क मरम्मत को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा कई बार आश्वासन दिया गया। सड़क पर कुंड रहने के कारण लोगों को किसानों के खेत होकर बालू, कीचड़ सने रास्ते से आवागमन करना पड़ रहा है। साथ ही बरसात के समय स्थिति और भी नारकीय हो जाती है। पानी और कीचड़ के बीच आवागमन करना लोगों की मजबूरी बन जाती है। नदी के जलस्तर में वृद्धि होने पर सरकारी स्तर पर नाव की सुविधा तो दी जाती है। लेकिन नाविकों द्वारा लोगों से भाड़े के मद में मनमाना राशि की वसूली की जाती है। पिछले वर्ष स्थानीय लोगों द्वारा चचरी पुल बनाया गया। मुख्य बाजार व गैस गोदाम तक पहुंचने के लिए कोढ़ा प्रखंड के राजवाड़ा व रौतारा पंचायत के लोग बड़ी संख्या में इस सड़क मार्ग से आवागमन करते हैं। बरसात के मौसम में 12 किमी अधिक दूरी तय कर ग्रामीणों को बाजार व गैस लेने के लिए गोदाम तक पहुंचना पड़ता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि दो प्रखंड का सीमा क्षेत्र रहने व कोढ़ा प्रखंड के पूर्णिया संसदीय क्षेत्र में होने के कारण भी स्थानीय जनप्रतिनिधि सड़क के जीर्णोद्धार में रूचि नहीं ले रहे हैं।
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चार वर्ष बाद भी नहीं हो पाई बाढ़ में ध्वस्त मार्ग की मरम्मत - दैनिक जागरण
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