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Friday, May 21, 2021

कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग पर नजंग के पास दरकी चट्टान, तीन दुकान मलबे में दबीं - दैनिक जागरण

जागरण टीम, पिथौरागढ़/धारचूला/मुनस्यारी: साठ घंटे की लगातार बारिश के बाद शुक्रवार को राहत मिली है। भारी बारिश से कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग पर नजंग के पास चट्टान दरकने से तीन दुकान मलबे में दब गई हैं। गर्बाधार-लिपुलेख और सोबला-तिदांग मार्ग बंद होने से उच्च हिमालय का सम्पर्क कट चुका है। थल -मुनस्यारी मार्ग बड़े वाहनों के लिए बंद है। नाचनी-भैंस्कोट और नाचनी-सुंदरीनाग मार्ग भारी मलबा आने से बाधित हैं। घुरु ड़ी-मनकोट के पास गोरी नदी पर पैदल पुल का एक हिस्सा बह चुका है। चार गांव अलग-थलग पड़े हैं।

धारचूला से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार की सुबह कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग पर स्थित नजंग में भारी भूस्खलन हो गया। चट्टान दरकने से गिरे मलबे से लीला देवी पत्नी राजेंद्र सिंह, नारायण सिंह राणा और त्रिलोक सिंह राणा की दुकानें मलबे में दब गई हैं। तीनों परिवारो के लोगों ने भाग कर जान बचाई। इस दौरान दो लोगों को हल्की चोटें भी आ गई। गर्बाधार-लिपुलेख मार्ग पर छियालेख के निकट भारी मलबा आने से मार्ग बंद हो गया है। उच्च हिमालय में सैंपलिंग करने गई चिकित्सा विभाग की टीम फंस गई है। टीम पैदल ही लौट रही है।

दारमा मार्ग पर दर के पास भूस्खलन होने से सोबला-तिदांग मार्ग बंद हो गया है। दारमा का भी सम्पर्क कट चुका है। बंगापानी से प्राप्त समाचारों के अनुसार गोरी नदी में बने लकड़ी के पुल के एक हिस्से के बह जाने से चार गांव अलग-थलग पड़े हैं। ग्रामीण पुल के बहे हिस्से की मरम्मत में जुटे हैं। पुल बनने पर ही ग्रामीण सड़क तक और बाजार तक पहुंच सकते हैं। नाचनी से मिली सूचना के अनुसार थल -मुनस्यारी मार्ग बनिक के पास बंद है। लोनिवि ने यहां पर मार्ग छोटे वाहनों के लिए खोल दिया है, परंतु बडे़ वाहन फंसे हए हैं। नाचनी-भैंस्कोट मार्ग बंद है। मार्ग के शुक्रवार सायं या फिर शनिवार दोपहर तक खुलने के आसार हैं। नाचनी-सुंदरीनाग मार्ग पर कई स्थानों पर भारी बोल्डर और मलबा गिर चुका है। मार्ग के शीघ्र खुलने के आसार नहीं हैं।

रामगंगा नदी का जलस्तर लगभग डेढ़ मीटर बढ़ गया है। नाचनी में निर्माणाधीन बाढ़ सुरक्षा कार्य तक पानी पहुंच चुका है। बाढ़ सुरक्षा कार्य में प्रयुक्त निर्माण सामग्री बह चुकी है। समय पर मशीन आदि हटाए जाने से बच गई। अन्य लकड़ी, बल्लियां आदि सामान रामगंगा नदी में बह चुका है। सिंचाई विभाग के अवर अभियंता सुंदर सिंह ने बताया कि यहां पर 288 लाख की धनराशि से बाढ़ सुरक्षा कार्य चल रहा है। रामगंगा नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि से कार्य रोकना पड़ा है। जब नदी के जलस्तर में गिरावट आने पर ही कार्य प्रारंभ होगा।

काली गंगा, गोरीगंगा का जलस्तर काफी बढ़ा हुआ है। नदी किनारे स्थित बस्तियों में अलर्ट जारी किया गया है। पुलिस लोगों को नदी किनारे तक नहीं जाने और सावधानी बरतने की मुनादी कर रही है। वहीं अल्मोड़ा-पनार-पिथौरागढ़ मार्ग अल्मोड़ा में मकड़ाऊ के पास बंद है।

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