जागरण संवाददाता, बागेश्वर : आपदा के दो साल बाद भी कपकोट मोटर मार्ग ठीक नही हो पाया है। एक ही बारिश ने शासन-प्रशासन की पोल खोल दी है। पहाड़ी से आए मलबे से आरे, बालीघाट, दुगनाकुरी के होराली के पास घंटों मोटर मार्ग बंद रहा। जिससे यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।
शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। उसकी मंशा से लग रहा है कि वह भी आपदा में अवसर ही ढूंढ रहा है। बीते रविवार को हुई भारी बारिश से बागेश्वर-कपकोट मोटर मार्ग पर आरे के पास मलबा आ गया, जिससे आवागमन पूरी तरह ठप हो गया। यह वही जगह है, जहां दो साल पहले आपदा आई थी। पूरी पहाड़ी दरक गई थी। दो साल बाद भी यहां व्यवस्थाएं सुचारू नहीं की गई। मलबा हटाया न कोई सुरक्षा दीवार ही खड़ी की गई। हर बरसात में रह-रहकर मलबा गिरता रहता है।
इसी मार्ग में बीती रविवार की रात जनप्रतिनिधि भी घंटों फंसे रहे, जिसके बाद रात में जेसीबी ने मलबा साफ कर आवागमन के लिए मार्ग सुचारू किया। इस दौरान लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। सोमवार को भी इस मार्ग से यातायात प्रभावित ही रहा। मलबा अभी भी सड़क के किनारे ही पड़ा हुआ है। दुग नाकुरी तहसील के बनलेख होराली के बीच रोड में भी पहाड़ी से मलबा आने से मार्ग बाधित रहा। दोपहर तीन बजे तक मार्ग से मलबा हटाया जा रहा था। अभी बारिश की संभावना बनी हुई है। कभी भी यह मार्ग दोबारा बंद हो सकता है। सरयू नदी का रंग हुआ मटमैला
बागेश्वर: बारिश से हुए भूस्खलन व भू कटाव से नदियों का रंग भी मटमैला हो गया। सरयू नदी में उपजाऊ मिट्टी बहकर जा रही है। सोमवार को मटमैला रंग होने से लोगों को काफी दिक्कत हुई। अधिकतर लोग इस पानी का उपयोग पीने और कपड़े आदि धोने के लिए करते हैं। वर्जन
-सभी मोटर मार्ग सुचारू कर दिए गए हैं संबंधित विभाग को अलर्ट किया गया है। कोई भी दिक्कत होगी तो राहत बचाव कार्य चलाया जाएगा। अभी कुछ दिनों तक मौसम का मिजाज ऐसा ही रहेगा।
शिखा सुयाल, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी, बागेश्वर
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बागेश्वर में आपदा के दो साल बाद भी बारिश से बंद हो रही सड़क - दैनिक जागरण
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