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खस्ताहाल शेखपुरा मार्ग पर चलना हुआ मुश्किल
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मुजफ्फरनगर, खतौली। गांव शेखपुरा का रेलवे स्टेशन से लगती करीब दो किमी लंबा मार्ग बेहद खस्ताहाल हो चुका है। पहले से टूटी सड़क पर बारिश के बाद जलभराव भी हो गया है, जिससे लोगों का इस मार्ग से निकलना मुश्किल हो गया है।
कस्बे से सटे गांव शेखपुरा का करीब दो किमी लंबा मुख्य मार्ग चीनी मिल की दीवार के नीचे रेलवे स्टेशन के बगल से होकर निकलता है, जो सफेदा बाईपास से जुड़ता हुआ गांव शाहपुर व फलावदा के साथ ही जानसठ तिराहे तक पहुंचता है। उक्त मार्ग बरसों से बेहद खस्ताहाल है, जिस पर रोड़े-पत्थर पटे पड़े हैं। वहीं, अब लगातार तीन दिन हुई बारिश के चलते इस मार्ग पर जलभराव भी हो गया है, जिसके चलते रोड़े-पत्थर के साथ कीचड़ भी लोगों की राह रोक रहा है। इसके चलते इस मार्ग से आने-जाने वाले लोगों के लिए करीब दो किमी लंबा यह सफर काफी मुश्किल भरा हो चुका है, जिस पर चलने के दौरान कई बार वाहन गिरने से कई लोग घायल भी हो चुके हैं।
शेखपुरा के ग्रामीणों का कहना है कि इस मार्ग पर लगातार गन्ना लदे वाहनों का आवागमन होता रहता है, जिसके चलते यह सड़क दशकों से टूटी हुई है, जिसकी मरम्मत हुए भी बरसों बीत चुके हैं। मार्ग की मरम्मत के लिए कई बार अफसरों व जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन दिए जा चुके हैं, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा है। सपा कार्यकर्ता अभिषेक गोयल का कहना है कि एक ओर सरकार सड़कों के गड्ढा मुक्त होने के दावे करती है, लेकिन दशकों से टूटा यह मार्ग सरकार के इन दावों की पोल खोलता है।
मुजफ्फरनगर, खतौली। गांव शेखपुरा का रेलवे स्टेशन से लगती करीब दो किमी लंबा मार्ग बेहद खस्ताहाल हो चुका है। पहले से टूटी सड़क पर बारिश के बाद जलभराव भी हो गया है, जिससे लोगों का इस मार्ग से निकलना मुश्किल हो गया है।
कस्बे से सटे गांव शेखपुरा का करीब दो किमी लंबा मुख्य मार्ग चीनी मिल की दीवार के नीचे रेलवे स्टेशन के बगल से होकर निकलता है, जो सफेदा बाईपास से जुड़ता हुआ गांव शाहपुर व फलावदा के साथ ही जानसठ तिराहे तक पहुंचता है। उक्त मार्ग बरसों से बेहद खस्ताहाल है, जिस पर रोड़े-पत्थर पटे पड़े हैं। वहीं, अब लगातार तीन दिन हुई बारिश के चलते इस मार्ग पर जलभराव भी हो गया है, जिसके चलते रोड़े-पत्थर के साथ कीचड़ भी लोगों की राह रोक रहा है। इसके चलते इस मार्ग से आने-जाने वाले लोगों के लिए करीब दो किमी लंबा यह सफर काफी मुश्किल भरा हो चुका है, जिस पर चलने के दौरान कई बार वाहन गिरने से कई लोग घायल भी हो चुके हैं।
शेखपुरा के ग्रामीणों का कहना है कि इस मार्ग पर लगातार गन्ना लदे वाहनों का आवागमन होता रहता है, जिसके चलते यह सड़क दशकों से टूटी हुई है, जिसकी मरम्मत हुए भी बरसों बीत चुके हैं। मार्ग की मरम्मत के लिए कई बार अफसरों व जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन दिए जा चुके हैं, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा है। सपा कार्यकर्ता अभिषेक गोयल का कहना है कि एक ओर सरकार सड़कों के गड्ढा मुक्त होने के दावे करती है, लेकिन दशकों से टूटा यह मार्ग सरकार के इन दावों की पोल खोलता है।
खस्ताहाल शेखपुरा मार्ग पर चलना हुआ मुश्किल - अमर उजाला
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