कृष्णाब्रह्म। निज प्रतिनिधि
यास नामक चक्रवाती तूफान से हुई मूसलाधार बारिश ने सात निश्चय योजना के हकीकत की पोल खोल दी। डुमरांव प्रखंड के सोवां गांव में मानसून से पहले हुई बारिश ने गली-मुहल्लों में जल-जमाव के साथ मुख्य सड़कों पर झील सा नजारा कायम कर दिया। शनिवार को बारिश व तूफान का कहर शांत होने के बाद ग्रामीणों ने जहां राहत की सांस ली, वहीं जगह-जगह लगे जल-जमाव व कीचड़ ने उन्हें पुन: अपने घरों में दुबकने को मजबूर कर दिया। गांव में जल-जमाव के पीछे प्रमुख कारण सरकारी जमीन का अतिक्रमण एवं नालियों का कायदे से निर्माण न होना बताया जा रहा है।
आवागमन में हो रही परेशानी : सोवां सहित आस-पास के गांवों में शनिवार को ‘यास का असर न के बराबर था। आसमान में काले बादल के साथ घनघोर घटाएं लोगों को डरवा जरूर रही थी। परन्तु, दोपहर सिर्फ चंद समय के लिए ही तेज बारिश हुई। चक्रवाती तूफान ने सबसे अधिक सोवां-बेलहरी मार्ग को प्रभावित किया है। चौंगाई व ब्रह्मपुर प्रखंड के दर्जनों गांवों को जोड़ने वाला यह मार्ग बारिश से कई जगह तालाब का रूप धारण कर लिया है। इससे राहगीरों के साथ आम लोगों को आवागमन करने में काफी परेशानी हो रही है। गांव के कुछ लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि गांव के मुख्य मार्ग के किनारे खाली पड़ी सरकारी जमीन पर दबंग प्रवृत्ति के लोगों ने पक्के मकानों का निर्माण करवा लिया है, जिससे जल-निकासी की समस्या गंभीर हो गई है। लोगों ने बताया कि सड़क किनारे अतिक्रमित की गई जमीन को अगर, खाली करवा दिया जाए तो गांव से जल-जमाव की समस्या स्वत: खत्म हो जाएगी।
सोवां-बेलहरी मार्ग झील में तब्दील, बढ़ी परेशानी - Hindustan हिंदी
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