संवाद सहयोगी, झींझक : दो वर्ष पूर्व झींझक से कंचौसी 12 किमी मार्ग का निर्माण कराया गया था। वर्ष 2019 करीब 1034 करोड़ की लागत से बनाए गए मार्ग में निर्माण के दौरान ही गुणवत्ता की अनदेखी की गई, जिससे दो साल में ही मार्ग बदहाल हो गया। खस्ताहाल मार्ग पर आवागमन करने वालों को लोगों को हादसे का अंदेशा बना रहता है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत वर्ष 2019 में झींझक कंचौसी 12 किमी लंबे मार्ग का निर्माण कराया गया था। निर्माण के दौरान ही मानकों की अनदेखी करने से बनने के बाद ही जगह जगह बजरी उखड़ने लगी। 12 किमी लंबे मार्ग अब कई जगह धंसने के साथ ही गड्ढा युक्त हो गया है। इससे लोगों को आवागमन में असुविधा का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही हादसे का डर भी सताता रहता है। मार्ग निर्माण को लेकर कई बार स्थानीय लोगों ने जनप्रतिनिधियों के साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों को भी अवगत कराया, लेकिन इसके बाद भी समस्या बरकरार है। वहीं झींझक रेलवे क्रॉसिग पर ओवरब्रिज निर्माण के कारण भारी वाहनों के आवागमन से मार्ग की स्थिति और भी बदतर हो गई। इससे अक्सर ही भारी वाहन फंसने से लोगों को जाम की समस्या से भी जूझना पड़ता है। वहीं दोपहिया वाहन सवार अक्सर ही गिरकर चुटहिल होते हैं। सहायक अभियंता पीएमजेएसवाई मनोज कुमार ने बताया की जेई से सड़क की रिपोर्ट मंगवाकर मरम्मत का कार्य कराया जाएगा भारी वाहनों के आवागमन से ही सड़क टूटी है।
12 किमी मार्ग से जुड़े गांव
झींझक कंचौसी 12 किमी लंबे मार्ग से रानेपुर, लगरथा चिरखरी, पालनगर, शाहपुर परजनी, धीरपुर, दयाका पुरवा, कमलापत पुरवा ,कंचौसी सहित करीब 18-20 गांव जुड़े हैं, जिन्हें अक्सर इसी मार्ग से आवागमन करना पड़ता है। लोगों का दर्द
बनने के दो साल बाद ही मार्ग बदतर हो गया है। इससे मार्ग की गुणवत्ता का अंदाजा स्वयं ही लगाया जा सकता है। भारी वाहन तो गलती छुपाने का तरीका है। - नीरज सिंह
- सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं और बारिश भी आने वाली है। अगर बारिश के पहले सड़क की मरम्मत न हुई तो आवागमन करना मुश्किल हो जाएगा।- राहुल कुमार
- गड्ढायुक्त मार्ग पर आवागमन करने के दौरान हादसे का डर सताता रहता है। जिम्मेदार अधिकारी भी इस समस्या को नजरंदाज कर रहे हैं, जिससे अनहोनी का अंदेशा बना हुआ है। - सौरभ सिंह
- खस्ताहाल मार्ग पर अक्सर ही जाम लगा रहता है। भारी वाहनों के फंसने से लोगों को आवागमन में असुविधा होती है। स्थानीय लोगों ने जनप्रतिनिधियों को भी बताया, लेकिन समस्या बरकरार है। - कुलदीप राजपूत
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निर्माण के दो साल बाद ही बदहाल हो गया झींझक कंचौसी मार्ग - दैनिक जागरण
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