एनएच की लापरवाही आम जनता पर भारी पड़ सकती है। देवप्रयाग नगर को ग्रामीण क्षेत्रों से जोड़ने वाले इस मुख्य पैदल मार्ग का आधा-अधूरा निर्माण दुर्घटनाओं को न्यौता दे रहा है। जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से उक्त मार्ग को जल्द ठीक करने की मांग की है।
ऑल वेदर सड़क निर्माण के तहत बीते वर्ष सिंतबर माह में देवप्रयाग बस अड्डे के समीप चौड़ीकरण किये जाने से क्षेत्र के कई गांवों को जोड़ने वाला पैदल रास्ता क्षतिग्रस्त हो गया। जिसके चलते ग्रामीणों को नगर तक आने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जनप्रतिनिधियों के साथ क्षेत्र की जनता ने उक्त मुद्दें को लेकर कई आंदोलन किये जिसके बाद बीते जनवरी माह में क्षतिग्रस्त रास्ते का निर्माण शुरू हुआ। लेकिन एनएच ने मानकों को ताक पर रखकर रास्ते को सड़क से बीस मीटर ऊंचा बना दिया गया, जिस पर पैदल चलना काफी मुश्किल था, लोगों के विरोध के बाद उक्त पैदल रास्ते में थोड़ा सुधार किया गया, मगर इसमें पहाड़ की ओर कोई सुरक्षा दीवार नही लगाये जाने से यहां अटके बोल्डर व चट्टान नीचे खिसकनी शुरू हो गई हैं। पिछले दिनों हुई बारिश से पहाड़ का एक हिस्सा रास्ते पर आ गिरा। गनीमत यह रही कि उस समय कोई वहां गुजर नही रहा था। जबकि रास्ते के ठीक नीचे स्थित राजमार्ग पर चलने वाले वाहनों के लिए पहाड़ पर अटके बोल्डर खतरा बने हैं। किसी वक्त कोई भी वाहन इनकी चपेट में आने से बड़ा हादसा हो सकता है। नगरपालिका ईओ बीएल बिष्ट का कहना है कि इस संबंध में कई बार एनएच अधिकारियों को कई बार पत्र भेजे गये हैं। एनएच की ओर से रास्ते की स्थिति को देखने के लिये पूर्व में एक टीम भी भेजी गई थी, लेकिन सुधारीकरण का कार्य नहीं हो पाया। उधर एनएच अधिकारी रास्ते पर रेलिंग व सुरक्षा दीवार लगाना नगरपालिका का काम बताते हुये अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। जिपंस नरेंद्र रावत, ग्राम प्रधान तुंणगी अरविंद जियाल, कोटी प्रधान आभा कोटियाल, भटकोट प्रधान आरती, बमाणा रुचि सजवान, क्षेपंस ममता रावत आदि ने प्रशासन से आधे-अधूरे बने रास्ते से कोई बड़ा हादसा होने से पूर्व इसकी मरम्मत करवाने की मांग की है।
देवप्रयाग को जोड़ने वाला मार्ग दे रहा दुर्घटनाओं को न्यौता - Hindustan हिंदी
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