भुजिया जनजाति गांव बरेठीन कोन्हा मूलभूत सुविधाओं से वंचित
गरियाबंद। जिले में कमार, भुजिया विकास प्राधिकरण के तहत विभिन्न योजनाएं संचालित हैं, लेकिन धरातल का योजनाएं नदारद हैं। इसका लाभ हितग्राहियों को नहीं मिल रहा है। कई गांव विकास से की रोशनी से कोसों दूर हैं। जिला मुख्यालय से महज 18 किमी दूर तथा राज्यमार्ग 130 से 3 पैरी नदी तट पर बसा आदिवासी गांव बरेठीन कोन्हा मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। यहां पहुंच मार्ग, बिजली, पेयजल, स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं का अभाव है। इस गांव के भुंजिया जनजाति जो मात्र 12 घरों में निवासरत केवल पगडंडी के सहारे 4 किलोमीटर की दूरी तय कर मुख्य मार्ग पर पहुंचते हैं।
इस गांव के निवासी नरोत्तम भुजिया, रामलाल भुजिया, फूलसिंह ध्रुव, लालजी ध्रुव, कन्हैयालाल भुजिया ने बताया कि 60 वर्षों से यहां पूर्वजों द्वारा बसाहट हुआ है, तब से आज तक इस गांव का सुध लेने कोई जनप्रतिनिधि, न ही शासन प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी आते हैं। उन्होंने आगे कहा कि यहां मुख्य समस्या सडक़, बिजली पेयजल, स्वास्थ्य और स्कूल नहीं होने से ग्रामीणों को काफी दिक्ततों का सामना करना पड़ता है। खासकर बरसात के दिनों में पगडंडी रास्ता कीचड़ से भरे होने के कारण राशन, किराना सामग्रियों के लिए तकलीफ उठानी पड़ती है। केवल जंगली वनस्पतियों साग- भाजी के भरोसे रसोई बनती है
ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से रायपुर- देवभोग मुख्य मार्ग से 3 किमी पहुंच मार्ग, बिजली, पेयजल के लिए नल-जल और छोटे बच्चों के लिए स्कूल और स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने जैसी मूलभूत सुविधाओं की मांग की है।
4 किलोमीटर पगडंडी से चलकर पहुंचते हैं मुख्य मार्ग तक - Patrika News
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