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Monday, July 26, 2021

छतरपुरः कई गांव मुख्य मार्ग से कटे, पहुंच मार्ग दलदल में तब्दील - Nai Dunia

Publish Date: | Mon, 26 Jul 2021 04:55 PM (IST)

छतरपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। वैसे तो बारिश खुशहाली का संदेश लेकर आती है। जिले के कई गांव ऐसे हैं जहां के वाशिंदों के लिए हर बार बारिश मुसीबत बन जाती है। दरअसल इन गांवों की सड़क बारिश में कीचड़ और दलदल में तब्दील हो जाती है। जिससे लोग मुख्य मार्ग तक आसानी से नहीं पहुंच पाते हैं, उसे में पूरी बारिश के मौसम में ये गांव मुख्य मार्ग से कटे रहते हैं।

आमतौर पर शासन प्रशासन गांवों के विकास के लिए सबसे पहले सड़कों का निर्माण कराने पर जोर देता है। पंचायत प्रतिनिधियों की उदासीनता और अधिकारियों की अनदेखी के कारण न तो सड़क निर्माण के लिए प्रस्ताव बनते हैं न कोई सड़क निर्माण पर ध्यान देता है। इस लापरवाही का खामियाजा गांव के लोगों को भोगना पड़ता है। खासतौर से बारिश ऐसे गांवों के लिए किसी बड़ी मुसीबत से कम नहीं होती है। कही मुरम, मिटटी तो कही पथरीले गांव के रास्तों पर बारिश में कीचड़ हो जाता है, कई जगह गडढ़े इतने बड़े हो जाते हैं, कि इनमें मिट्टी व पानी दलदल बना देता है। ऐसे में बारिश के मौसम में इन मार्गों से आवागमन बंद हो जाने से गांव के लोग गांव में ही कैद होकर रह जाते हैं।

जिन गांवों में सड़कें बनवाने के लिए प्रस्ताव मिले हैं उन्हें स्वीकृत कराके निर्माण कराया गया है। जहां बारिश में सड़कों पर कीचड़ हो रहा है वहां अभी गिटटी व मुरम डलवाने और बारिश बाद प्रस्ताव बनवाकर सड़क निर्माण कराने का प्रयास किया जाएगा।

अमर बहादुर सिंह

सीईओ, जिला पंचायत छतरपुर

तालाबनुमा पानी के बीच से निकलना मजबूरी

जनपद पंचायत छतरपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत पहाड़गांव में बराबारे पुरवा के वाशिंदे बैसे तो पथरीले मिटटी वाले रास्ते से आते जाते हैं। बारिश में यह रास्ता कीचड़ से सराबोर तालाबनुमा दलदल में तब्दील हो जाता है। तब ग्रामीण छोटे बच्चों को कंधों पर बैठाकर, गंभीर बीमारों को खटिया पर लिटाकर कंधों पर उठाकर कीचड़भरी रास्ता पार करते हैं। बुजुर्गों को कमर तक पानी के बीच से निकलना पड़ता है, जिससे कई बार वे गिरकर घायल भी हो जाते हैं। ऐसे में अक्सर पानी में रहने वाले सांप लोगों के पैरों से लिपट जाते हैं। बारिश के मौसम में पुरवा तक दो पहिया वाहन आसानी से नहीं पहुंच पाते हैं। ग्रामीण अपनी व्यथा सुनाते हुए रो पड़ते हैं। उनका कहना है कि गांव में जब कोई नेता या अधिकारी आता है तो ग्रामीण सड़क, बिजली और पानी की मांग करते हैं। ये मांगे पूरी तो नहीं हो सकीं केवल आश्वासन जरूर मिल जाते हैं।

छतरपुर। पुरवा के रास्ते में पानी से निकलते बुजुर्ग।-01 फाइल फोटो।

दलदल में तब्दील रास्ते पर चलना मुश्किल

छतरपुर जिले की ग्राम पंचायत छठीबम्हौरी के मजरा गडऱपुर का मुख्य रास्ता बारिश में कीचड़ व दलदल में तब्दील हो गया है। कई जगह गहरे गड्ढे बन गए हैं, इनमें गिरकर लोग हादसों के शिकार हो रहे हैं। इस रास्ते पर चलना मुश्किल हो गया है। गंभीर बीमारों को जब अस्पताल ले जाने में समस्या आती है तो बीमार की जान पर भी बन आती है। ग्रामीणों का आरोप है कि यह मजरा पूरी तरह से उपेक्षित है, जबकि छोटे-छोटे मजरा और टोलों में सीसी रोड बन चुकी है। ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व विधायक ने चुनाव के दौरान यहां सड़क बनाने का भरोसा दिलाया था पर वे अपने 5 साल के कार्यकाल में इस पूरा नहीं करा सके। अब उनका पुत्र यहां से विधायक हैं, वे भी इसे अनदेखा किए हैं।

छतरपुर। गड़रपुर का दलदली मार्ग।-2

दुपारिया में खस्ताहाल सड़क पर चलना मुश्किल

छतरपुर जिले के राजनगर क्षेत्र की ग्राम पंचायत रनगुवां के अंतर्गत आने वाला छोटा सा गांव दुपारिया लंबे समय से विकास की बाट जोह रहा है। ग्राम दुपारिया में पिछले करीब 20 सालों से सड़कों का हाल सबसे बुरा है। बारिश के समय कीचड़ व दलदल वाली सड़क पर लोगों का चलना मुश्किल हो गया है। यहां रास्ते में दलदल हो जाने से लोग बड़ी मुश्किल से निकल पाते हैं। गांव में आने वाले रिश्तेदारों और बीमारों को गोदी में लेकर लोग दलदली सड़क पार कराके मुख्य सड़क तक पहुंचाते हैं। गांव के बच्चों ने बताया हमारे गांव में सिर्फ प्राथमिक स्तर तक ही स्कूल है। इसके बाद पढे के लिए गांव से दो किमी दूर रनगुवां तक इसी दलदली व कीचड़ में तब्दील सड़क को पार करके जाना पड़ता है। कई बार बच्चे कीचड़ में गिरकर चोटिल भी हो जाते हैं।

छतरपुर। दुपारिया में रिश्तेदार को गोद में लेकर कीचड़ से निकलते लोग।-03

कीचड़ से सराबोर मुख्य मार्ग

बड़ामलहरा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत भगवां में बारिश के कारण मुख्य रास्ता कीचड़ में तब्दील है। जिससे ग्रामीणों सहित राहगीरों को आने-जाने में परेशान हो रही है। यहां से निकलते समय कई बार लोग गिरकर घायल हो चुके हैं, सबसे अधिक परेशानी बाइक सवारों को होती है। जरा सी चूक होते ही बाइक फिसल जाती है। भगवां के श्रीकांत द्विवेदी, शोभित जैन, राजू साहू, मुलू खागर, गोलू जैन ने बताया कि उनके गांव में रास्ता खस्ताहाल है। बरसात के दिनों में रास्ते में कीचड़ के कारण निकलना मुश्किल हो गया है। रास्ता बनवाने को लेकर वह वे कई बार शिकायतें कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी समस्या का जल्दी निराकरण नहीं हुआ तो वे धरना-प्रदर्शन शुरू कर देंगे।

Posted By: Nai Dunia News Network

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