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Thursday, September 23, 2021

हादसों की राह में तब्दील हुए बीहड़ के मार्ग - दैनिक जागरण

केस नंबर 1 लखना-सिडौस मार्ग पर चंबल पुल के समीप ढकरा की पुलिया वर्ष 2019 में ही ध्वस्त हो गई थी। तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने की सूचना पर इसकी मरम्मत कराई गई। 2021 में फिर पुलिया ध्वस्त होने पर मरम्मत की गई। पुलिया दोनों तरफ कट रही है और बीचों-बीच भरे पानी से गुजरने का लोग जोखिम ले रहे हैं। दरअसल यहां 100 फीट की गहराई में कोई भी वाहन जाता है, तो बड़ी दुर्घटना घट सकती है। इसी मार्ग से क्षेत्र के दो सैकड़ा से अधिक बच्चे स्कूल बस से आते-जाते हैं। दिन भर सैकड़ों थ्रीव्हीलर फर्राटा भरते हैं। यह मुख्य मार्ग भिड और जनपद जालौन को जोड़ता है। केस नंबर 2 भरेह क्षेत्र में बने सिकरोड़ी पुल की एप्रोच वर्ष 2019 में बाढ़ के दौरान ही क्षतिग्रस्त हो गई थी। शेष बची एप्रोच 2021 में फिर से टूट गई। उस समय से आज तक एप्रोच की मरम्मत नहीं की गई। यह मार्ग बाबरपुर के समीप नेशनल हाईवे से जुड़ता है, जिससे मध्य प्रदेश और समूचे क्षेत्र के लोग औरैया व कानपुर इसी मार्ग से पहुंचते हैं। केस नंबर 3 चकरनगर से भरेह मुख्य सड़क मार्ग 2019 से ही जर्जर है। 2021 में एक बार फिर से बचे हुए फुटपाथ को बाढ़ ने क्षतिग्रस्त कर दिया। सड़क के बीचों-बीच विद्युत पोल लगे हैं और दोनों तरफ खाई है। हजारों ग्रामीण रोजाना ही इसे मार्ग से गुजरने का रिस्क उठा रहे हैं।

केस नंबर 4 बिठौली में अनैठा गांव से सिकरोड़ी पुल को जाने वाले मुख्य मार्ग में पुल के समीप बाढ़ से करीब 20 फीट गहरी और 100 मीटर लंबी खाई हो गई है। मुख्य मार्ग पर निकलने के लिए मात्र आठ फीट की जगह बची है। केस नंबर 5 2019 की बाढ़ में डिभौली गांव की पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई थी। 2021 में आई भीषण बाढ़ में पुलिया फिर से ध्वस्त हो गई। पिछले दो माह से गांव में चार पहिया वाहन नहीं पहुंच पा रहा है। ग्रामीण पुलिया पर रखे लोहे की प्लेट से गुजरने को मजबूर हैं। पीडब्ल्यूडी पुलिया के टेंडर को ही क्लियर नहीं कर पा रहा है। संवाद सहयोगी, चकरनगर : तहसील क्षेत्र में भीषण बाढ़ और बारिश ने लिक से लेकर मुख्य मार्गों तक की सूरत ही बिगाड़ दी है। मार्गों पर जगह-जगह जलभराव, कीचड़ व गहरी खाई से राहगीरों के लिए आवागमन जोखिम भरा है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को बीहड़ क्षेत्र के मार्गों की सुधि लेने की फुर्सत नहीं है।

बाढ़ की त्रासदी के बाद अधिकांश लिक व मुख्य मार्गों की साफ-सफाई तो कराई गई, कितु मरम्मत कार्य नहीं कराया गया। मुख्य मार्ग ढ़करा की पुलिया पर अस्थाई कार्य के उपरांत क्षेत्र के अन्य किसी भी मार्ग पर कोई मरम्मत कार्य नहीं कराया गया है। भीषण बाढ़ और बारिश से क्षेत्र में लखना-सिडौस, उदी-चकरनगर, चकरनगर-भरेह, हनुमंतपुर-बिठौली, अनैठा-शेरगढ़, सोनेपुरा-हनुमंतपुरा, चंद्रहंसपुरा-पांडरी बाबा, बल्लो गढि़या-चौरैला, महुआ सूडा-सिकरौड़ी पुल आदि मुख्य मार्ग जर्जर हैं। इन मार्गों से ही क्षेत्र के अधिकारी भी गुजरते हैं, बावजूद इसके प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर पीडब्ल्यूडी के अधिकारी व कर्मचारियों को इन मार्गों की चिता नहीं है। क्षेत्र के समाजसेवी हेमरुद्ध सिंह सेंगर, जिला पंचायत सदस्य राजेश चौहान, किशन राजावत, बृजेंद्र यादव, राजेश यादव, अरविद तिवारी आदि ने अनहोनी की आशंका जाहिर करते हुए प्रशासन से सड़कों की शीघ्र मरम्मत कराने की मांग की है। जेई नहीं जानते सिकरोड़ी पुल कहां बना पीडब्ल्यूडी के जूनियर इंजीनियर अमित कुमार को नहीं पता कि सिकरोड़ी पुल कहां बना है। पहले बोले, यह पुल कहां है, फिर बोले अरे यह तो औरैया जिले में है। उन्होंने बताया कि बारिश बंद होने के बाद टूट-फूट की मरम्मत कराई जाएगी। कंजौसा पुल के समीप टूटी सड़क के लिए स्टीमेट भेजा गया है।

Edited By: Jagran

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