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Friday, September 10, 2021

ईश्वर प्राप्ति का एक मात्र मार्ग है विहंगम योग - दैनिक जागरण

हर्षोल्लास से मनी सदगुरु सदाफल देव जी महाराज की 134 वीं जन्म जयंती फोटो 10 डालपी 27

कैप्शन: विहंगम योग प्रणेता सदगुरु सदाफल देव महाराज की जयंती समारोह मे शामिल लोग

संवाद सहयोगी, मेदिनीनगर (पलामू) : विहंगम योग ईश्वर प्राप्ति का एकमात्र मार्ग है। आवागमन से छूटने एवं जीवन के कल्याण के लिए सदगुरु की शरणागति ही एकमात्र उपाय है। यह बातें विहंगम योग संस्थान के झारखंड प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कही है। वे शुक्रवार को स्थानीय स्टेशन रोड स्थित गोविद भवन में विहंगम योग प्रणेता सदगुरु सदाफल देव जी महाराज की 134 वीं जन्म जयंती समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधि कर रहे थे। कहा कि किसदगुरु अध्यात्म जगत के सूर्य होते हैं।सदगुरु की प्रसन्नता में ही शिष्य का कल्याण निहित है। विशिष्ट अतिथि प्रदेश महामंत्री ललित कुमार सिंह ने कहा कि ईश्वर की असीम कृपा से देव दुर्लभ मानव जीवन मिला है। मानव जीवन का मुख्य उद्देश्य आवागमन के चक्र से छूटकर सच्चिदानंद महाप्रभु की प्राप्ति करना है। पलामू जोन के प्रचारक रविद्र प्रसाद सिंह ने विहंगम योग के सिद्धांत एवं सदगुरु सेवा की महता पर प्रकाश डाला। कहा कि सदगुरु की असीम कृपा से ही दुर्लभ विहंगम योग ज्ञान मिलता है। जिला महिला प्रभारी मनोरमा द्विवेदी ने सदगुरु की महिमा का बखान किया। जिला संयोजक गिरिजा प्रसाद सिंह ने जीवन के कल्याण के लिए सदगुरु देव के सिद्धांत को अपनाये जाने को आवश्यक बताया।

इससे पहले सदगुरु देव के तस्वीर पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। गया। कार्यक्रम का संचालन जिला परामर्शक नंदलाल पासवान ने किया। जन्म जयंती के अवसर पर सूर्य चौधरी, अनिल विश्वकर्मा, रेणु बाला सहाय, गीता प्रसाद, रेणु सिंह,बेबी सिंह सहित कई गुरु भाई बहनों ने भेदिक भजन एवं सोहर प्रस्तुत किया।

Edited By: Jagran

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