कटान से क्षतिग्रस्त हुए गढ़ेवा गांव व पुल को जोडने वाले संपर्क मार्ग को देखते लोग। संवाद - फोटो : UNNAO
ख़बर सुनें
बीघापुर। तहसील क्षेत्र के गढे़वा गांव व पुल को जोड़ने वाला संपर्क मार्ग कटान की भेंट चढ़ गया है। तेजी से हो रही कटान से अगले तीन से चार दिन में ही पूरी रोड गंगा में समा सकती है। इससे कटरी क्षेत्र के लिए वरदान बने पुल पर आवागमन ठप हो सकता है।
विज्ञापन
तहसील क्षेत्र के गढ़ेवा ग्रामसभा के सामने गंगा नदी पर बना पुल कटरी क्षेत्र को कानपुर शहर से जोड़ता है। गंगा की धारा के रुख मोड़ देने से कानपुर के लिए जाने वाले संपर्क मार्ग में कटान तेज हो गई है। इससे मार्ग पर आवागमन ठप होने की आशंका से गढ़ेवा, कर्मी चंदनपुर, विभौरा, खरौली सहित दर्जनों गांव के लोग चिंतित हैं।
अभी तक पुल के माध्यम से ही कटरी क्षेत्र के किसान केला, परवल, करेला व टिंडा जैसे पैदावार को कानपुर मंडी भेजते हैं। अब किसान परेशान हैं। उनका कहना है कि यदि गढ़ेवा से पुल का संपर्क टूट गया तो व्यापार ठप हो जाएगा। गढ़ेवा निवासी प्रदीप कुमार शुक्ला ने बताया कि जिस तेजी से कटान हो रही है उससे तो पुल का संपर्क मार्ग 3 से 4 दिन में ध्वस्त होने की आशंका बढ़ गई है।
पूर्व प्रधान राजकिशोर सिंह ने बताया कि सालों से कटान होने के बाद भी एसडीएम ने मामले में कोई गंभीरता नहीं दिखाई और संपर्क मार्ग कटने का इंतजार करते रहे। उमाशंकर लोधी ने बताया कि पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा बोरियां लगाने व बोल्डर डालने से कटान रोकने का प्रयास किया गया लेकिन इससे कोई फायदा नहीं पहुंचा। अब पीडब्ल्यूडी विभाग केवल चेतावनी बोर्ड लगाकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहा है।
तहसील क्षेत्र के गढ़ेवा ग्रामसभा के सामने गंगा नदी पर बना पुल कटरी क्षेत्र को कानपुर शहर से जोड़ता है। गंगा की धारा के रुख मोड़ देने से कानपुर के लिए जाने वाले संपर्क मार्ग में कटान तेज हो गई है। इससे मार्ग पर आवागमन ठप होने की आशंका से गढ़ेवा, कर्मी चंदनपुर, विभौरा, खरौली सहित दर्जनों गांव के लोग चिंतित हैं।
अभी तक पुल के माध्यम से ही कटरी क्षेत्र के किसान केला, परवल, करेला व टिंडा जैसे पैदावार को कानपुर मंडी भेजते हैं। अब किसान परेशान हैं। उनका कहना है कि यदि गढ़ेवा से पुल का संपर्क टूट गया तो व्यापार ठप हो जाएगा। गढ़ेवा निवासी प्रदीप कुमार शुक्ला ने बताया कि जिस तेजी से कटान हो रही है उससे तो पुल का संपर्क मार्ग 3 से 4 दिन में ध्वस्त होने की आशंका बढ़ गई है।
पूर्व प्रधान राजकिशोर सिंह ने बताया कि सालों से कटान होने के बाद भी एसडीएम ने मामले में कोई गंभीरता नहीं दिखाई और संपर्क मार्ग कटने का इंतजार करते रहे। उमाशंकर लोधी ने बताया कि पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा बोरियां लगाने व बोल्डर डालने से कटान रोकने का प्रयास किया गया लेकिन इससे कोई फायदा नहीं पहुंचा। अब पीडब्ल्यूडी विभाग केवल चेतावनी बोर्ड लगाकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहा है।
कटान की चपेट में पुल को जोड़ने वाला संपर्क मार्ग - अमर उजाला
Read More
No comments:
Post a Comment