जिले में प्रवेश के लिए माध्यम बना अल्मोड़ा - सेराघाट- बेरीनाग मार्ग सेराघाट के निकट चट्टान खिसक जाने से बंद हो गया है। फलस्वरूप चार तहसीलों की जनता को जिले से बाहर हल्द्वानी अल्मोड़ा जाने के लिए कई किमी का अतिरिक्त सफर करना पड रहा है।
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़: बारिश थमे तीन दिन बीत चुके हैं। जिले में अभी भी एनएच सहित 38 मार्ग बंद हैं। सभी सीमा मार्ग बंद होने से चीन सीमा से लगा उच्च हिमालय अलग-थलग पड़ा है। एनएच के बंद नया बस्ती के पास बंद होने से धारचूला में सब्जी, फल , गैस की किल्लत बन चुकी है। टमाटर दो सौ रु पए प्रतिकिलो तक बिका। बारिश के चलते बीते दिनों एनएच के बंद होने पर जिले में प्रवेश के लिए माध्यम बना अल्मोड़ा - सेराघाट- बेरीनाग मार्ग सेराघाट के निकट चट्टान खिसक जाने से बंद हो गया है। फलस्वरूप चार तहसीलों की जनता को जिले से बाहर हल्द्वानी , अल्मोड़ा जाने के लिए कई किमी का अतिरिक्त सफर करना पड रहा है।
टनकपुर -तवाघाट हाईवे के खुलने से पिथौरागढ़ से लेकर बलुवाकोट तक तो राहत मिल चुकी है परंतु बलुवाकोट से धारचूला के मध्य नया बस्ती के पास मार्ग बंद होने से धारचूला से लेकर चीन सीमा तक का क्षेत्र प्रभावित है। धारचूला में सब्जी, गैस व अन्य आवश्यक वस्तुओं की विगत सात दिनों से आपूर्ति नहीं होने से भारी किल्लत बन चुकी है। नया बस्ती के पास बीआरओ मार्ग निर्माण में जुटा है। इस स्थान पर कई मीटर सडक काली नदी में बह चुकी है। नया बस्ती में मार्ग खुलने पर ही धारचूला सहित चीन सीमा तक आवाजाही संभव है। धारचूला को जोडऩे वाला यह एकमात्र मार्ग है।
जिले में अभी भी बत्तीस ग्रामीण मार्ग बंद हैं। लगभग दो लाख की ग्रामीण आबादी प्रभावित है। ग्रामीणों को पैदल चलना प ड़ रहा है। मार्ग नहीं खुलने से ग्रामीण क्षेत्रों में आक्रोश बना हुआ है। धारचूला से आगे उच्च हिमालयी मार्गों की दशा बेहद दयनीय है। दारमा मार्ग दर के पास बह चुका है। शीघ्र ही दारमा के ग्रामीण माइग्रेशन करने वाले हैं। मार्ग नहीं खुलने की दशा पर ग्रामीणो को भारी परेशानी का सामना करना पड सकता है। यह मार्ग सोबला से तिदांग के बीच नौ स्थानों पर ध्वस्त हो चुका है।उच्च हिमालय में फंसे पर्यटकों को निकालने के लिए हैलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया जा रहा है।
पिथौरागढ़ में एनएच सहित 38 मार्ग बंद, उच्च हिमालयी गांवों का सम्पर्क भंग - दैनिक जागरण
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