जागरण टीम, गढ़वाल: बारिश के कारण 60 से ज्यादा ग्रामीण मोटर मार्ग बंद पड़े हैं, जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों को पांच-पांच किलोमीटर की पैदल दूरी नापनी पड़ रही है। उधर, बारिश के कारण पहाड़ों में ठंड भी बढ़ गई है।
नई टिहरी: बीते दिनों हुई बारिश से आठ ग्रामीण मोटर मार्ग बंद हो गए हैं, जिससे ग्रामीणों को आवागमन की समस्या से जूझना पड़ रहा है। भारी बारिश के चलते सिलक्यारा-वनगांव-चापड़ा राज्य मार्ग फिर से बंद हो गया है। पूर्व में भी कई दिनों तक यह राज्यमार्ग बंद रहा था। अभी कुछ दिन इस पर आवागमन सुचारु होने के बाद 17 अक्टूबर को हुई बारिश से फिर से यह राज्य मार्ग बाधित हो गया है। इसके अलावा गहड़-पल्यापाटल, विनयखाल-गेंवली, चाचकडा-गोनी, ललत-सिवालीधार, खोलाधार-पंयाकोटी, चिलेड़ी-मंजोली, आमणी- किमखोला, जखन्याली मोटर मार्ग भी बंद पड़े हैं। सड़कें बंद होने से ग्रामीणों को पांच किलोमीटर तक की पैदल दूरी नापनी पड़ रही है। कई मोटर मार्गों पर बने गड्ढों पर बरसात का पानी जमा होने के कारण आवागमन जोखिम भरा बना है।
पौड़ी: बारिश का कहर पौड़ी जनपद के मोटर मार्गों पर साफ देखा जा सकता है। मलबा आने से मरचूला-सराईखेत- बैजरों-पोखड़ा-सतपुली, घटटूघाट- चैलूसैंण-गुमखाल-लैंसडोन-रिखणीखाल-बीरोंखाल, कर्णप्रयाग-नौटी-पैठाणी राज्य मार्ग समेत चमधार-सिरों मोटर मार्ग, बनेख-दियूसी-थापला, नौगांव-छैतुड़-भूतनिसी, घंडियाल- कनोठखाल, सांगलाकोटी-गुंडिडा-तिलखोली-जजेड़ी, धुमाकोट-पिपली,खैरासैंण संपर्क मार्ग, मथगावं संपर्क मार्ग, सतपुली-बरसूड़ी, पौखाल-कण्वाश्रम, नैनीडांडा-शंकरपुर, सतपुली-एकेश्वर-जणदादेवी, पासीणा बैड- जिठखोली, व्यासघाट-किसूर, कौडियाला-व्यासघाट, सतपुली-सिसल्डी समेत 45 मोटर मार्ग बंद हो गए। हालांकि बंद मार्गों को खोलने के लिए लोनिवि के विभिन्न डिवीजन जुटे हैं लेकिन रुक-रुक कर हो रही बारिश मार्गों को खोलने में परेशानी का सबब बनी हुई है।
कर्णप्रयाग: बारिश के चलते कुछ ग्रामीण मोटर मार्ग मंगलवार को आवागमन के लिए पूरी तरह बंद रहे। सिमली-शेलेश्वर मोटर मार्ग सेनू और गैरोली, चमोला के मध्य क्षतिग्रस्त हो गया है। जगह-जगह मोटर मार्ग पर दरारें उभर आने व पत्थर व मलबा गिरने से ग्रामीणों का मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह कट गया है। इसी तरह कर्णप्रयाग-नैनीसैंण, धारडुंग्री-मैखुरा, सोनला-कंडारा, कर्णप्रयाग-पोखरी, कर्णप्रयाग-सिरण-ऐंड मोटर मार्ग भी मलबा व पत्थर आने से बाधित है। उधर, देवाल-थराली-लोहाजंग मोटर मार्ग पर भी मलबा व पत्थर आने का क्रम जारी रहने से यातायात ठप है। ------------------
तीन गोशाला क्षतिग्रस्त, एक बैल की मौत
गोपेश्वर: चमोली जिले में बारिश से व्यापक नुकसान हुआ है, हालांकि मंगलवार दोपहर बाद बारिश थम गई। जोशीमठ विकासखंड के बड़गांव ग्राम सभा के खरोड़ी तोक में सुबह तीन गोशाला जमींदोज हो गई। गांव के विनोद सिंह की गोशाला टूटने से एक बैल की मौत व एक गाय घायल हुई है। गांव के ही नत्था सिंह व अब्बल सिंह की गोशाला भी पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुई है, हालांकि इन दो गोशालाओं में पशु हानि नहीं हुई है। कर्णप्रयाग विकासखंड के सिमली में गोपाल सिंह व जयवीर सिंह की गोशाला को आंशिक रूप से नुकसान हुआ है।
----------------- चमधार पर हाईवे खुला
श्रीनगर गढ़वाल: श्रीनगर से लगभग आठ किलोमीटर दूर चमधार के पास बंद पड़ा बदरीनाथ नेशनल हाईवे मंगलवार दोपहर से वाहनों की आवाजाही के लिए खुल गया। फरासू से चमधार के मध्य पहाड़ी से लगातार बोल्डर और मलबा गिरने से यह हाईवे बंद था। लोनिवि एनएच डिवीजन ने मलबा हटाकर मार्ग को शुरू कराया। जिलाधिकारी डा. विजय कुमार जोगदंडे ने चमधार पहुंचकर भूस्खलन क्षेत्र का जायजा लिया। लोनिवि एनएच डिवीजन के वरिष्ठ अभियंता राजीव शर्मा ने डीएम को भूस्खलन की स्थिति से अवगत कराया। डीएम ने नेशनल हाईवे और पुलिस अधिकारियों को सुरक्षित यातायात की हिदायत दी। कहा कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। डीएम के साथ तहसीलदार यशवीर सिंह और सिचाई व लोनिवि के अभियंता भी मौजूद थे। इसके अलावा डीएम ने श्रीनगर जलविद्युत परियोजना के कोटेश्वर स्थित बांध स्थल और उसके कंट्रोल रूम का भी निरीक्षण किया। बांध के जलस्तर को लेकर जिले के कंट्रोल रूम को समय पर जानकारी देने के निर्देश दिए। इस मौके पर परियोजना के महाप्रबंधक अरुण कुमार, सहायक महाप्रबंधक एके वर्मा, जेपी बेनीवाल मौजूद थे।
Edited By: Jagran
60 से ज्यादा ग्रामीण मोटर मार्ग बंद, आवाजाही बाधित - दैनिक जागरण
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