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Wednesday, October 13, 2021

फैक्ट चेक: दिल्ली की अकबर रोड का नाम बदलकर सम्राट विक्रमादित्य मार्ग नहीं किया गया, भ्रामक है ये पोस्ट - Aaj Tak

भारत में शहरों, सड़कों और जगहों के नाम बदलने को लेकर खूब सियासत होती है. इसी को ध्यान में रखते हुए सोशल मीडिया पर ये दावा किया जा रहा है कि दिल्ली की अकबर रोड का नाम बदल कर सम्राट विक्रमादित्य मार्ग कर दिया गया है. सोशल मीडिया पर ये पोस्ट काफी वायरल है.

वायरल पोस्ट में लिखा है, "ख़ुशख़बरी दिल्ली की अकबर रोड का नाम बदलकर सम्राट विक्रमादित्य मार्ग किया. समस्त हिन्दु समाज आपका आभारी रहेगा. जय श्री राम."

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा गलत है. सरकार की तरफ से दिल्ली की अकबर रोड का नाम नहीं बदला गया है. दरअसल कुछ दिनों पहले हिंदू सेना के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के अकबर रोड के साइन बोर्ड पर विक्रमादित्य मार्ग लिखा एक पोस्टर लगा दिया था जिसको लेकर गलत जानकारी फैल रही है. ये पोस्ट फेसबुक और ट्विटर पर कई लोगों ने शेयर किया है. पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.

हमारी पड़ताल

कुछ कीवर्ड की मदद से खोजने पर हमें 'जागरण' की एक रिपोर्ट मिली. 7 अक्टूबर को प्रकाशित इस खबर के मुताबिक, हिंदू सेना ने दिल्ली की अकबर रोड पर विक्रमादित्य मार्ग के नाम वाले पोस्टर लगाए थे. जब इसकी जानकारी एनडीएमसी को मिली तो पोस्टर हटवा दिए गए थे.

'न्यूज़ 18' की खबर में बताया गया है कि अकबर रोड सेंट्रल दिल्ली का VVIP इलाका है और इस रोड पर कांग्रेस पार्टी का दफ्तर भी है. 7 अक्टूबर 1556 में मुगल सम्राट अकबर को सम्राट ‘विक्रमादित्य हेमू’ ने हराकर दिल्ली पर कब्जा किया था. पृथ्वीराज चौहान के तकरीबन 350 साल के बाद एक बार फिर विक्रमादित्य हेमू के रूप में कोई हिंदू राजा बना था.

इसी कारण 7 अक्टूबर को हिंदू सेना ने ये पोस्टर लगाए थे. हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने न्यूज़ 24 की एक वीडियो रिपोर्ट में बताया कि मुगलों के नाम से कोई मार्ग नहीं होना चाहिए. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह हिंदू सेना के लोग अकबर रोड के साइन बोर्ड पर विक्रमादित्य हेमू मार्ग का पोस्टर लगा रहे थे.

खोजने पर हमें ऐसी कोई न्यूज़ रिपोर्ट या ऑफिशियल जानकारी नहीं मिली जिसमें बताया गया हो कि दिल्ली की अकबर रोड का नाम बदलकर सम्राट विक्रमादित्य मार्ग किया गया हो. अगर ऐसा हुआ होता तो ये हर तरफ खबरों में होता.

हालांकि 2015 में भाजपा सांसद महेश गिरि की दलीलों के बाद NDMC ने औरंगजेब रोड का नाम बदलकर अब्दुल कलाम रोड रख दिया था. 'इकॉनिमिक टाइम्स' की न्यूज़ रिपोर्ट में भी ये बताया गया है कि भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी की दलीलों के बाद NDMC द्वारा 2017 में डलहौजी रोड का नाम बदलकर दारा शिकोह रोड कर दिया गया था.

मई 2018 में भी एक ऐसी ही घटना सामने आई थी, जब अकबर रोड के साइन बोर्ड पर महाराणा प्रताप का पोस्टर लगाया था.

पड़ताल में ये साफ हो जाता है कि वायरल पोस्ट में कही गई बात गलत है. अकबर रोड का नाम नहीं बदला गया है. रोड के साइन बोर्ड पर हिंदू सेना ने बस सम्राट विक्रमादित्य मार्ग का पोस्टर लगा दिया था जिसे बाद में हटवा दिया गया था.

(सोनाली खट्टा के इनपुट के साथ)

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