-एक किलोमीटर की दूरी तय करने को अतिरिक्त 20 किलोमीटर सफर
-अब एनएच-31 का सारा बोझ शहर की सड़कों पर, मुसीबत
-आम लोगों में रोष, जल्द से जल्द नई समस्या के समाधान की मांग जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : शहर व आसपास समेत पूरे उत्तर बंगाल में बीते सोमवार की देर शाम से बुधवार दोपहर पूर्व तक लगभग 40 घंटे लगातार हुई मूसलधार बारिश को थमे तीन दिन हो गए हैं। मगर, उससे उत्पन्न शहर की मुसीबत कब थमेगी, कहा नहीं जा सकता। उक्त बारिश के चलते शहर के निकट माटीगड़ा में स्थित बालासन ब्रिज के क्षतिग्रस्त हो जाने से सिलीगुड़ी में एनएच-31 मार्ग बंद हो गया है।
उसके फलस्वरूप, सिक्किम व भूटान और दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र एवं सिलीगुड़ी समेत पूरे पूर्वोत्तर भारत से वाहनों को शेष भारत आवाजाही में अब सिलीगुड़ी शहर से सीधे माटीगाड़ा बालासन ब्रिज हो कर जाने-आने के बजाय नौका घाट, मेडिकल के रास्ते जाना-आना पड़ रहा है। इसमें लगभग अतिरिक्त 20 किलोमीटर लंबी यात्रा करनी पड़ रही है। इतने तक भी समस्या नहीं थी। पर, सबसे बड़ी समस्या यह हो गई है कि पहले शहर के अंदरूनपी मार्गो को छुए बिना सीधे-सीधे एनएच-31 से गुजर जाने वाले बड़े व भारी वाहन अब शहर के अंदरूनी मार्गो से हो कर गुजरने लगे हैं। इसे लेकर, पहले से ही रोज-रोज की जाम की समस्या से त्रस्त शहर अब और भी ज्यादा त्रस्त हो गया है। अब शहर में एक इलाके से दूसरे इलाके जाने-आने के मिनटों के सफर में घंटे लगने लगे हैं। इस परिस्थिति के चलते आम लोगों में गहरा रोष है। लोगों ने अविलंब क्षतिग्रस्त बालासन ब्रिज का वैकल्पिक उपाय करने की माग की है।
इधर, लोगों की जान-माल की सुरक्षा की दृष्टि के मद्देनजर सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस ने अभी बालासन ब्रिज से तिपहिया व उससे ऊपर के वाहनों को आवाजाही की अनुमति नहीं दी है। केवल पैदल यात्री व दोपहिया वाहनों की ही आवाजाही की अनुमति है। अन्य सभी वाहनों के शहर हो कर ही गुजरने के चलते ईस्टर्न बाइपास, हिलकार्ट रोड, बर्दवान रोड, नौका घाट, कावाखाली एशियन हाईवे-2 पर अतिरिक्त भार बढ़ गया है। उसमें भी चतुर्थ महानंदा ब्रिज पर बोझ और ज्यादा बढ़ गया है। ऐसे में शहर में पहले से ही भयावह जाम और भी भयावह हो उठा है। आम लोगों ने अविलंब इस नई समस्या का समाधान किए जाने की मांग की है। इस बारे में सिलीगुड़ी नगर निगम की प्रशासकीय समिति के चेयरमैन गौतम देव ने पहले ही कह चुके हैं कि वर्तमान में बालासन ब्रिज कितना कारगर है, नहीं है, इस बारे में विशेषज्ञ ही बोल पाएंगे। मूसलधार बारिश के चलते बढ़ा नदी का जलस्तर कमेगा तो फिर विशेषज्ञों की टीम अच्छी तरह से नाप-जोख व आवश्यक पड़ताल करेगी। पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों ने भी इसका जायजा लिया है। वे सरकार को रिपोर्ट देंगे। एक टेक्निकल टीम भी आएगी और यहां का जायजा लेगी। उसके बाद आवश्यक जो-जो करना होगा, किया जाएगा। फिलहाल, लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर ही प्रशासन व पुलिस की ओर से उक्त ब्रिज से बड़े व भारी एवं चार चक्का वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। केवल दो पहिया एवं पैदल यात्रियों को ही उक्त ब्रिज से आवाजाही की अनुमति दी है।
Edited By: Jagran
एक मार्ग बंद, शहर त्रस्त, जाम ही जाम - दैनिक जागरण
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