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गोंडा। सरयू नदी (घाघरा) ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। अक्टूबर में घाघरा का उफान पहली बार देखने को मिला है। बाढ़ लगातार वीभत्स रूप अख्तियार करती जा रही है। तरबगंज तहसील क्षेत्र में नवाबगंज से सोहावल मार्ग पर तीन स्थानों पर बाढ़ का पानी बहने लगा है।
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नवाबगंज से ढेमवा घाट होते हुए लखनऊ की ओर जाने वाले इस मार्ग पर कटान शुरू हो गई है। इस मार्ग पर आवागमन ठप कर दिया गया है। करनैलगंज व नवाबगंज क्षेत्र के 25 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। नवाबगंज के दस गांवों की स्थिति बहुत खराब हो गई है। वहां के लोग गांव छोड़ पलायन करने लगे हैं।
करनैलगंज में शुक्रवार को सरयू नदी खतरे के निशान से करीब 80 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गई, जबकि अयोध्या में सरयू 34 सेंटी मीटर खतरे के नशान से ऊपर बह रही है। विभिन्न बैराजों से करीब 5 लाख 88 हजार क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा गया। शुक्रवार का कुल डिस्चार्ज 4 लाख 67 हजार क्यूसेक था। बाढ़ के पानी से करनैलगंज तहसील क्षेत्र के कई गांव प्रभावित हो गए हैं।
करनैलगंज में 16 गांवों में पूरी तरह पानी भर गया है। एक दर्जन मजरों को पानी ने चारों तरफ से घेर लिया है। जिले की सीमा से लगे गांवों ग्राम परसावल, नैपुरा, कमियार, किलवारी, मांझा रायपुर, लोढ़ेमऊ, अतरौली, बांसगांव दक्षिणी, पारा व बेहटा पूरी तरह बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं।
बाढ़ का पानी लगातार तेजी से बढ़ता जा रहा है। करनैलगंज तहसील के ग्राम नकहरा में 16 मजरे बाढ़ के पानी से पूरी तरह डूब चुके हैं। इसमें राधेपुरवा, तीरथराम पुरवा, पुहिल पुरवा, बसंतलाल पुरवा, मोछारन पुरवा, दुलारे पुरवा, संभर पुरवा, छंगू लाल पुरवा, देव किशुन पुरवा, श्याम विहारी पुरवा, सहजराम पुरवा, तीर्थ पुरवा, भगत पुरवा व हरीलाल पुरवा सामिल हैं।
अधिकांश घर पानी में डूब चुके हैं। घाघरा में आई बाढ़ का पानी ग्राम नकहरा के सबसे ऊंची सड़कों के ऊपर से बहना शुरू हो गया है। सड़क के ऊपर से पानी मैदानी इलाकों में आना शुरू हो गया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि बाढ़ का पानी करीब 2 किलोमीटर की एरिया में तेजी से फैल कर करीब एक दर्जन अन्य गांवों को बाढ़ की चपेट में ले सकता है।
एल्गिन चरसडी बांध से सटकर लगातार पानी का तेज बहाव हो रहा है, जिससे बांध के लिए भी खतरा उत्पन्न हो गया है। इस मामले में बाढ़ खंड के अधिकारी बांध को सुरक्षित होना बता रहे हैं। लगातार बढ़ रहे जलस्तर से बांध के लिए खतरा हो सकता है। बाढ़ खंड के एई अमरेश सिंह कहते हैं कि बांध को किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है। पानी का डिस्चार्ज लगातार हो रहा है।
उपजिलाधिकारी हीरालाल का कहना है कि सभी बाढ़ चौकियां एलर्ट हैं। राजस्व की टीम बाढ़ क्षेत्र में कैंप कर रही है। लगातार बांध व बाढ़ पर निगरानी की जा रही है। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक, सरयू के जल स्तर में प्रतिघंटे एक सेमी की रफ्तार में वृद्धि दर्ज की जा रही है, और अभी वृद्धि का क्रम जारी रहेगा।
नवाबगंज में सरयू नदी से सटे तटीय इलाकों में बाढ़ का पानी फैल गया है तथा हजारों एकड़ फसल जलमग्न हो चुकी है। नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का पानी से अभी और तबाही मचना तय है। तटवर्ती इलाकों के लोग ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं।
क्षेत्र के दत्तनगर, गोकुला, साखीपुर, तुलसीपुर माझा, जैतपुर,माझा राठ, दुर्गा गंज माझा, दुल्लापुर, महेशपुर,ब्यौंदा माझा में स्थिति बदतर होती जा रही है। मुख्य मार्ग से गांवों का संपर्क टूट चुका है। प्रशासन की तरफ की गई नाव की व्यवस्था नाकाफी है। प्रशासन का कहना है कि वह बाढ़ की हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है, लेकिन बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि अभी तक उनका हाल जानने कोई नहीं पहुंचा।
नवाबगंज से ढेमवा घाट मार्ग पर तीन जगह सड़क पर पानी का तेज बहाव होने से आवागमन बाधित हो गया है। सड़क पर पानी का बहाव तेज होने से पैदल पानी में चलना मुश्किल हो रहा है। ढेमवा घाट पुल के पास सरयू नदी के तेज बहाव की वजह से मुख्य मार्ग नदी के कटान के जद में आ गया है। प्रशासन कटान को रोकने के प्रयास में जुट गया है, लेकिन यदि सरयू का वेग थमा नहीं तो पूरी सड़क सरयू के कटान में समाहित हो सकता है।
नवाबगंज से ढेमवा घाट होते हुए लखनऊ की ओर जाने वाले इस मार्ग पर कटान शुरू हो गई है। इस मार्ग पर आवागमन ठप कर दिया गया है। करनैलगंज व नवाबगंज क्षेत्र के 25 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। नवाबगंज के दस गांवों की स्थिति बहुत खराब हो गई है। वहां के लोग गांव छोड़ पलायन करने लगे हैं।
करनैलगंज में शुक्रवार को सरयू नदी खतरे के निशान से करीब 80 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गई, जबकि अयोध्या में सरयू 34 सेंटी मीटर खतरे के नशान से ऊपर बह रही है। विभिन्न बैराजों से करीब 5 लाख 88 हजार क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा गया। शुक्रवार का कुल डिस्चार्ज 4 लाख 67 हजार क्यूसेक था। बाढ़ के पानी से करनैलगंज तहसील क्षेत्र के कई गांव प्रभावित हो गए हैं।
करनैलगंज में 16 गांवों में पूरी तरह पानी भर गया है। एक दर्जन मजरों को पानी ने चारों तरफ से घेर लिया है। जिले की सीमा से लगे गांवों ग्राम परसावल, नैपुरा, कमियार, किलवारी, मांझा रायपुर, लोढ़ेमऊ, अतरौली, बांसगांव दक्षिणी, पारा व बेहटा पूरी तरह बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं।
बाढ़ का पानी लगातार तेजी से बढ़ता जा रहा है। करनैलगंज तहसील के ग्राम नकहरा में 16 मजरे बाढ़ के पानी से पूरी तरह डूब चुके हैं। इसमें राधेपुरवा, तीरथराम पुरवा, पुहिल पुरवा, बसंतलाल पुरवा, मोछारन पुरवा, दुलारे पुरवा, संभर पुरवा, छंगू लाल पुरवा, देव किशुन पुरवा, श्याम विहारी पुरवा, सहजराम पुरवा, तीर्थ पुरवा, भगत पुरवा व हरीलाल पुरवा सामिल हैं।
अधिकांश घर पानी में डूब चुके हैं। घाघरा में आई बाढ़ का पानी ग्राम नकहरा के सबसे ऊंची सड़कों के ऊपर से बहना शुरू हो गया है। सड़क के ऊपर से पानी मैदानी इलाकों में आना शुरू हो गया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि बाढ़ का पानी करीब 2 किलोमीटर की एरिया में तेजी से फैल कर करीब एक दर्जन अन्य गांवों को बाढ़ की चपेट में ले सकता है।
एल्गिन चरसडी बांध से सटकर लगातार पानी का तेज बहाव हो रहा है, जिससे बांध के लिए भी खतरा उत्पन्न हो गया है। इस मामले में बाढ़ खंड के अधिकारी बांध को सुरक्षित होना बता रहे हैं। लगातार बढ़ रहे जलस्तर से बांध के लिए खतरा हो सकता है। बाढ़ खंड के एई अमरेश सिंह कहते हैं कि बांध को किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है। पानी का डिस्चार्ज लगातार हो रहा है।
उपजिलाधिकारी हीरालाल का कहना है कि सभी बाढ़ चौकियां एलर्ट हैं। राजस्व की टीम बाढ़ क्षेत्र में कैंप कर रही है। लगातार बांध व बाढ़ पर निगरानी की जा रही है। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक, सरयू के जल स्तर में प्रतिघंटे एक सेमी की रफ्तार में वृद्धि दर्ज की जा रही है, और अभी वृद्धि का क्रम जारी रहेगा।
नवाबगंज में सरयू नदी से सटे तटीय इलाकों में बाढ़ का पानी फैल गया है तथा हजारों एकड़ फसल जलमग्न हो चुकी है। नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का पानी से अभी और तबाही मचना तय है। तटवर्ती इलाकों के लोग ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं।
क्षेत्र के दत्तनगर, गोकुला, साखीपुर, तुलसीपुर माझा, जैतपुर,माझा राठ, दुर्गा गंज माझा, दुल्लापुर, महेशपुर,ब्यौंदा माझा में स्थिति बदतर होती जा रही है। मुख्य मार्ग से गांवों का संपर्क टूट चुका है। प्रशासन की तरफ की गई नाव की व्यवस्था नाकाफी है। प्रशासन का कहना है कि वह बाढ़ की हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है, लेकिन बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि अभी तक उनका हाल जानने कोई नहीं पहुंचा।
नवाबगंज से ढेमवा घाट मार्ग पर तीन जगह सड़क पर पानी का तेज बहाव होने से आवागमन बाधित हो गया है। सड़क पर पानी का बहाव तेज होने से पैदल पानी में चलना मुश्किल हो रहा है। ढेमवा घाट पुल के पास सरयू नदी के तेज बहाव की वजह से मुख्य मार्ग नदी के कटान के जद में आ गया है। प्रशासन कटान को रोकने के प्रयास में जुट गया है, लेकिन यदि सरयू का वेग थमा नहीं तो पूरी सड़क सरयू के कटान में समाहित हो सकता है।
नवाबगंज-सुहावल टू लेन मार्ग के ऊपर से बहने लगा बाढ़ का पानी - अमर उजाला
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