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Monday, November 8, 2021

कसया-तुर्कपट्टी मार्ग पर रोडवेज बस के लिए पुन: सर्वे - दैनिक जागरण

कुशीनगर : तुर्कपट्टी के लिए सरकारी बस सेवा शुरू करने को लेकर पूर्व में हुए सर्वे पर ग्रामीणों की आपत्ति के बाद इस मार्ग का परिवहन निगम पुन: सर्वे कराएगा।

ग्रामीणों का कहना है कि पूर्व हुए सर्वे के दौरान विभाग की टीम ने मार्ग का निर्धारण उल्टी दिशा में कर दिया था। सीताराम चौराहा-बभनौली-बनरहा-तमकुहीराज-फाजिलनगर- कसया होते मार्ग दर्शाया गया था। जबकि बनरहा से उक्त मार्ग पर पहले से ही सरकारी बस चल रही है।

ग्रामीणों ने इस मार्ग निर्धारण पर आपत्ति जताई थी। मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी को अवगत कराया कि सीताराम चौराहा से तुर्कपट्टी होते हुए कसया की दूरी महज 24 किमी है। यह जिला को जोड़ने वाली मुख्य सड़क है और टू लेन भी है। इस पर आज तक सरकारी बस नहीं चली।

जागरण ने सर्वे के पश्चात ग्रामीणों की आपत्ति चार नवंबर के अंक में पेज छह पर परिवहन निगम के सर्वे से ग्रामीण असंतुष्ट, शीर्षक से प्रकाशित किया था। इसके बाद विभाग ने पुन: सर्वे कराने का निर्देश दिया है। सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक बिन्दू प्रसाद ने बताया कि शीघ्र ही इस मार्ग का पुन: सर्वे होगा।

पोषणयुक्त चावल को प्लास्टिक समझ रहे कार्डधारक

हाटा तहसील क्षेत्र के गांव भलुही में कार्डधारकों ने दो सप्ताह पूर्व सार्वजनिक वितरण प्रणाली से मिले चावल में प्लास्टिक चावल मिलने की बात कहकर हंगामा किया था। इसी तरह दो दिन पूर्व मोतीचक विकास खंड के पिपरैचा गांव में भी राशन में प्लास्टिक चावल मिलने की शिकायत कार्ड धारकों ने की थी। जबकि आपूर्ति विभाग और खाद्य विपणन विभाग का कहना है कि यह फोर्टीफाइड चावल है न कि प्लास्टिक का चावल। फोर्टीफाइड चावल प्रोटीन, मिनरल व अन्य पोषक तत्वों से युक्त है। इसे एक निर्धारित मात्रा में सरकारी चावल की बोरियों में मिलाया गया है। जिसे जूनियर हाई स्कूल तक के विद्यालयों के बच्चों को मिड डे मिल में दिया जाना है। चावल की बोरियों पर टैग अथवा कोई निशान न होने पर कोटेदार इसे अलग नहीं कर पा रहे हैं। यही कारण है कि फोर्टीफाइड चावल कार्ड धारकों को मिल जा रहा, जिसे वे प्लास्टिक का चावल समझ रहे।

ऐसे तैयार होता है फोर्टीफाइड चावल

क्षेत्रीय विपणन अधिकारी राजेश सिंह ने कहा कि चावल की पिसाई कर उसमें प्रोटीन मिनरल व अन्य पोषक तत्व मशीन से मिलाया जाता है। फिर उसे अलग अलग मशीन में डालकर चावल के रूप में तैयार कर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से मिड डे मिल के लिए उपलब्ध कराया जा रहा। वह प्लास्टिक का चावल नहीं है बल्कि पोषक तत्वों से भरपूर चावल है। राशन कार्ड धारक अफवाह के चक्कर में न पड़ें।

Edited By: Jagran

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