उतरौला। संवाददाता
उतरौला ग्रामीण ग्रामसभा के तीन मजरों आठ हजार से अधिक की आबादी के लिए विकास का पहिया दशकों से थमा हुआ है। संपर्क मार्ग की बदहाल स्थिति के चलते एंबुलेंस भी पस्त हो जाती है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पूर्व विधायक श्याम लाल वर्मा के कार्यकाल में बनाई गई डामरीकृत सड़क की बदहाल स्थिति भारतीय इंटर कॉलेज से शुरू हो जाती है। राजाजोत, गोसाईंजोत व लक्ष्मीनगर गांवों के लोग जर्जर मार्ग पर आवागमन के दौरान अक्सर चोटिल हो जाते हैं। बबलू बताते हैं कि तीनों गांवों में मतदाताओं की संख्या लगभग दो हजार की है। लोकसभा, विधानसभा व पंचायत चुनावों में गांव के विकास की उम्मीद में मतदान करने के बाद भी मूलभूत जरूरतों से वंचित हैं। जयकुमार व जीनानाथ का कहना है कि बरखंडी मंदिर के बगल स्थित शवदाह स्थल जाने का यही प्रमुख मार्ग है। कई बार प्रार्थना पत्र देने के बाद भी मार्ग दुरुस्त करने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। विद्या देवी बताती हैं कि गांव की महिलाओं व बेटियों को टीका लगवाने, दवाई लाने के लिए जाते समय पैदल चलने में काफी परेशानी होती है। गांव में अचानक बीमार होने की स्थिति में ठेले पर लाद कर अस्पताल ले जाना पड़ता है। अगर सड़क ठीक हो जाए तो गांव में ई-रिक्शा से लोगों का आवागमन सुलभ हो सकता है।
मार्ग क्षतिग्रस्त, एंबुलेंस का भी चल पाना दूभर - Hindustan हिंदी
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