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Tuesday, April 13, 2021

कांवड़ मार्ग को छोड़ एक्सप्रेसवे से उत्तराखंड जाना हुआ सुगम - अमर उजाला

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कांवड़ मार्ग को छोड़ एक्सप्रेसवे से उत्तराखंड जाना हुआ सुगम
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मेरठ। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर वाहनों का आवागमन शुरू होने से सबसे अधिक लाभ दिल्ली, देहरादून से आने वाले लोगों को हो रहा है। मोदीनगर, मुरादनगर में जाम से बचने के लिए पहले कांवड़ नहर पटरी का उपयोग किया जाता था। इस मार्ग पर अब तक हुए हादसों में कई परिवार अपनों को खो चुके हैं।
देहरादून, मुजफ्फरनगर, रुड़की जाने वाले वाहन एक्सप्रेसवे से होकर एनएच-58 का उपयोग कर रहे हैं। इससे समय की बचत हो रही है, वहीं अभी टोल प्लाजा शुरू न होने का फायदा भी वाहन चालक उठा रहे हैं। एक्सप्रेसवे के काशी टोल प्लाजा से हिमाचल, उत्तराखंड, पंजाब आदि राज्यों के वाहन गुजर रहे हैं, जिन्हें कैमरे में कैद किया गया। इससे साफ है कि कांवड़ नहर पटरी को छोड़ अब एक्सप्रेेसवे का सफर आरामदायक हो गया है। हालांकि कांवड़ नहर पटरी के चौड़ीकरण के लिए प्रस्ताव लोक निर्माण विभाग ने तैयार कर लिया है। इस पर सरकार ने भी सहमति जताते हुए कार्य शुरू कर दिया है।
कांवड़ मार्ग के लिए प्लान
सरकार ने कांवड़ नहर की दायीं पटरी के निर्माण के लिए 651 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। इसे 111.90 किमी बनाया जाना है। इसका प्राथमिक कार्य शुरू कर दिया गया है। हालांकि इसे कांवड़ यात्रा के समय कांवड़ियों के आवागमन के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। जिससे वाहनों का आवागमन भी बरकरार रह सके।
कांवड़ मार्ग से गुजरने वाले वाहन
सोमवार से शुक्रवार तक वाहन - 35 से 40 हजार रोजाना
शनिवार से रविवार तक वाहन - 60 से 70 हजार

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