कैराना बाइपास पर हाइवे निर्माण के दौरान आर्युपरी जाने के लिए उंच्ची सडक से मिटटी की ढाल से नीचे उ? - फोटो : SHAMLI
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कैराना। पानीपत-खटीमा हाईवे के चौड़ीकरण के चलते गांवों और खेतों को जाने वाले संपर्क मार्गों की हालत खराब हो गई है। हाईवे ऊंचा हो जाने से गांवों के लिंक मार्ग बंद हो गए हैं। सबसे ज्यादा परेशानी किसानों को गन्ना ढुलाई में उठानी पड़ रही है।
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पानीपत-खटीमा एनएच 709 एडी का निर्माण कार्य तेजी के साथ चल रहा है। हरियाणा सीमा यमुना पुल से लेकर शामली रोड पर जगनपुर तक मुख्य मार्ग से कई गांवों के लिंक मार्ग जुडे़ हैं। इसके अलावा मुख्य मार्ग के दोनों और किसानों के खेतों पर जाने के लिए चकरोड हैं। यमुना पुल से जगनपुर तक हाईवे निर्माण के कारण सड़क बहुत चौड़ी होने के साथ ही काफी ऊंची हो गई है, जिस कारण गांवों के लिंक मार्ग व चकरोड़ काफी नीचे रह गए हैं। हाईवे से लिंक मार्ग व चकरोड पर मिट्टी ही मिट्टी नजर आती है, जिस कारण पानीपत रोड पर गांव पंजीठ, मामौर, मवी, बुच्चाखेड़ी, रामड़ा, हैदपुर आदि गांवों के लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उधर बाइपास हाईवे से भी खुरगान, मलकपुर, गंदराउ, दभेड़ी खुर्द, अकबरपुर सुनहेटी, मंडावर, जगनपुर, आर्यपुरी आदि गांवों के रास्ते जुड़े हैं। हाईवे निर्माण के कारण सभी रास्तों की हालत बहुत खराब है तथा हादसों का डर बना रहता है। मुख्य मार्ग से खेतों तक जाने वाले चकरोड भी अधिकतर बंद हो गए हैं, जिस कारण किसानों को काफी लंबी दूरी तय करके अपने खेतों पर जाना पड़ रहा है।
कैराना निवासी किसान महबूब, जमशेद, बीरसैन, संजीव, नासिर, इलियास आदि किसानों ने बताया कि हाईवे चौड़ीकरण से उनके खेतों पर जाने के रास्ते बंद हो गए हैं। उन्हें काफी दूरी से घूमकर खेतों पर जाना पड़ रहा है। उधर पंजीठ निवासी समाजसेवी पुष्कर सैनी ने बताया कि हाईवे के कारण उनके गांव का मुख्य रास्ता बंद हो गया है। मार्ग के दूसरी ओर जूनियर हाईस्कूल, कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय के अलावा गांव की पुलिस चौकी है। हाईवे पार करने के बाद ही जूनियर हाईस्कूल, कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय व पुलिस चौकी जा सकेंगे। इसके लिए हाईवे के नीचे से अंडरपास या पुल का निर्माण होना जरूरी है। ग्रामीण कई बार इसकी मांग कर चुके हैं।
पानीपत-खटीमा एनएच 709 एडी का निर्माण कार्य तेजी के साथ चल रहा है। हरियाणा सीमा यमुना पुल से लेकर शामली रोड पर जगनपुर तक मुख्य मार्ग से कई गांवों के लिंक मार्ग जुडे़ हैं। इसके अलावा मुख्य मार्ग के दोनों और किसानों के खेतों पर जाने के लिए चकरोड हैं। यमुना पुल से जगनपुर तक हाईवे निर्माण के कारण सड़क बहुत चौड़ी होने के साथ ही काफी ऊंची हो गई है, जिस कारण गांवों के लिंक मार्ग व चकरोड़ काफी नीचे रह गए हैं। हाईवे से लिंक मार्ग व चकरोड पर मिट्टी ही मिट्टी नजर आती है, जिस कारण पानीपत रोड पर गांव पंजीठ, मामौर, मवी, बुच्चाखेड़ी, रामड़ा, हैदपुर आदि गांवों के लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उधर बाइपास हाईवे से भी खुरगान, मलकपुर, गंदराउ, दभेड़ी खुर्द, अकबरपुर सुनहेटी, मंडावर, जगनपुर, आर्यपुरी आदि गांवों के रास्ते जुड़े हैं। हाईवे निर्माण के कारण सभी रास्तों की हालत बहुत खराब है तथा हादसों का डर बना रहता है। मुख्य मार्ग से खेतों तक जाने वाले चकरोड भी अधिकतर बंद हो गए हैं, जिस कारण किसानों को काफी लंबी दूरी तय करके अपने खेतों पर जाना पड़ रहा है।
कैराना निवासी किसान महबूब, जमशेद, बीरसैन, संजीव, नासिर, इलियास आदि किसानों ने बताया कि हाईवे चौड़ीकरण से उनके खेतों पर जाने के रास्ते बंद हो गए हैं। उन्हें काफी दूरी से घूमकर खेतों पर जाना पड़ रहा है। उधर पंजीठ निवासी समाजसेवी पुष्कर सैनी ने बताया कि हाईवे के कारण उनके गांव का मुख्य रास्ता बंद हो गया है। मार्ग के दूसरी ओर जूनियर हाईस्कूल, कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय के अलावा गांव की पुलिस चौकी है। हाईवे पार करने के बाद ही जूनियर हाईस्कूल, कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय व पुलिस चौकी जा सकेंगे। इसके लिए हाईवे के नीचे से अंडरपास या पुल का निर्माण होना जरूरी है। ग्रामीण कई बार इसकी मांग कर चुके हैं।
कैराना बाइपास पर हाइवे निर्माण के कारण नीचा हुआ जगनपुर लिंक मार्ग- फोटो : SHAMLI
हाईवे ऊंचा हो जाने से गांवों के लिंक मार्ग बंद - अमर उजाला
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