न्यूज डेस्क, अमर उजाला, धारचूला (पिथौरागढ़) Published by: अलका त्यागी Updated Mon, 24 May 2021 10:11 PM IST
सार
उत्तराखंड में बारिश के बाद मुनस्यारी-मिलम मार्ग बंद होने से बीआरओ, आईटीबीपी एवं माइग्रेशन पर जा रहे ग्रामीणों की आवाजाही बंद हो गई है।
मुनस्यारी-मिलम मार्ग पर जमी बर्फ - फोटो : अमर उजाला फाइल फोटो
विस्तार
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में मापांग के पास छिरकानी में ग्लेशियर खिसकने से मुनस्यारी-मिलम मार्ग बंद हो गया है। मार्ग बंद होने से सीमांत से सड़क और पैदल मार्ग से आवाजाही नहीं हो पा रही है। हालांकि, लोक निर्माण विभाग ने मार्ग से ग्लेशियर हटाने के लिए मजदूर लगा दिए हैं। मंगलवार तक इस मार्ग के खुलने की उम्मीद है।
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इधर थल-मुनस्यारी मोटर मार्ग पर बनिक के पास आया मलबा पूरी तरह से न हटने के कारण भारी वाहन मुनस्यारी नहीं पहुंच पा रहे हैं। इस कारण मुनस्यारी सामग्री लाने वाले ट्रक बनिक में ही फंसे हैं। यदि दो, चार दिनों में बड़े वाहनों के लिए यातायात बहाल नहीं होता है तो क्षेत्र में जरूरी वस्तुओं का संकट गहरा सकता है।
उधर, भारी बारिश के कारण बूंदी और छियालेख में बंद पड़ी तवाघाट-लिपुलेख सड़क को वाहनों के लिए खोल दिया गया है। सड़क बंद होने से व्यास घाटी के माइग्रेशन जाने वाले 50 से 60 परिवार अपने जानवरों के साथ बूंदी में फंसे थे। मार्ग खुलने के बाद इन लोगों ने राहत की सांस ली है।
20 जून तक दस्तक दे सकता है मानसून
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक इस बार मानसून 20 जून तक राज्य में दस्तक दे सकता है। सोमवार को हल्द्वानी का अधिकतम तापमान 34.2 और न्यूनतम तापमान 21.2 डिग्री सेल्सियस रहा। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक रोहित थपलियाल ने बताया कि अगले चार-पांच दिन प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा।
बदरीनाथ हाईवे अभी भी बंद
रडांग बैंड में बंद बदरीनाथ हाईवे सोमवार को पांचवें दिन भी वाहनों की आवाजाही के लिए नहीं खुल पाया है। बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) की मशीनें हाईवे को सुचारु करने में जुटी हुई हैं। बीआरओ ने यहां करीब 50 मीटर तक हाईवे का एलाइमेंट (समरेखण) भी बदल दिया है। यहां पहाड़ी काटकर हाईवे बनाया जा रहा है। बीआरओ के अधिकारियों ने मंगलवार तक हाईवे को वाहनों की आवाजाही के लिए सुचारु कर देने का दावा किया है।
20 मई को भारी बारिश के दौरान रडांग बैंड में हाईवे का लगभग 50 मीटर हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था और पुश्ते भी बह गए थे, जिससे सीमा क्षेत्र में सेना की आवाजाही भी थम गई है। साथ ही देश के अंतिम गांव माणा के ग्रामीणों को भी आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हाईवे बंद होने के बाद से बीआरओ की नौ जेसीबी व पोकलैंड मशीनें हाईवे को सुचारु करने में जुटी हुई हैं।
अलकनंदा साइड पुश्ता निर्माण के लिए कोई जगह न मिलने के कारण अब बीआरओ की ओर से यहां हिल कटिंग कर हाईवे का निर्माण किया जा रहा है। बीआरओ के कमांडर मनीष कपिल ने बताया कि मंगलवार तक हाईवे सुचारु करने की पूरी कोशिश की जा रही है, जिस स्थान पर हाईवे ध्वस्त है, वहीं नदी साइड पुश्ता निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा है। इस कारण यहां हिल कटिंग कर नए हाईवे का निर्माण किया जा रहा है।
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उत्तराखंड: ग्लेशियर खिसकने से मुनस्यारी-मिलम मार्ग बंद, जरूरी वस्तुओं का हो सकता है संकट - अमर उजाला - Amar Ujala
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