जागरण संवाददाता, चतरा : स्वास्थ्य सेवा की आधारभूत संरचना का सशक्त करने का मार्ग प्रशस्त हो गया। डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट के शासी समिति की बैठक में इस आशय का प्रस्ताव पारित कर दिया गया। अब जल्द ही डीएमएफटी शासी परिषद की बैठक में उसका अनुमोदन होगा। उसके बाद जिले की बुनियादी चिकित्सकीय सुविधाओं को विकसित किया जाएगा। शासी समिति की बैठक मंगलवार को उपायुक्त दिव्यांशु झा की अध्यक्षता में हुई। बैठक डीसी आफिस स्थित सभा कक्ष में हुई। जिसमें स्थानीय विधायक सह राज्य के श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण सह कौशल विकास मंत्री सत्यानंद भोक्ता, पुलिस अधीक्षक ऋषभ कुमार झा एवं अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे। जबकि स्थानीय सांसद सुनील कुमार सिंह, सिमरिया विधायक किशुन कुमार दास एवं बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद बैठक में वर्चुअल जुड़े हुए थे।
बैठक में तीन वर्षीय विस्तृत कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की गई। कार्ययोजना के अनुसार जिले के अस्पतालों को इंडियन मेडिकल हेल्थ स्टैंडर्ड के अनुरूप विकसित किया जाएगा। सदर अस्पताल, हंटरगंज, इटखोरी, गिद्धौर, सिमरिया और टंडवा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को इसके लिए चयनित किया गया। उन अस्पतालों से लाभान्वित होने वाले प्रति हजार व्यक्ति पर एक बेड, दस हजार व्यक्ति पर एक डाक्टर व तीन नर्स के अलावा प्रत्येक एक लाख की आबादी पर दस आइसीयू के इंतजाम किया जाएगा। इंडियन मेडिकल हेल्थ स्टैंडर्ड के मानक के अनुरूप 50 स्वास्थ्य कल्याण विकसित किए जाएंगे। इसके साथ ही प्रत्येक प्रखंड स्वास्थ्य केंद्र में आपरेशन थिएटर की व्यवस्था होगी। जिले में सीटी स्कैन, एमआरआइ के समेत सभी महंगी जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। सदर अस्पताल, हंटरगंज, इटखोरी और टंडवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 17 बुनियादी जांच केंद्र स्थापित होंगे।
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विशेषज्ञ चिकित्सकों की होगी बहाली
सभी जन स्वास्थ्य केंद्रों पर 2021 तक हड्डी शल्य चिकित्सा और 2024 तक हृदय रोग शल्य चिकित्सा की व्यवस्था की जाएगी। टंडवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को उत्क्रमित करते हुए उसके दस कमरों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। वहां ट्रामा सेंटर की व्यवस्था की जाएगी। उत्क्रमित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और ट्रामा सेंटर में एक फिजीशियन, एक सर्जन, एक महिला रोग विशेषज्ञ, एक हड्डी रोग विशेषज्ञ, एक रेडियोलाजिस्ट, एक शिशु रोग विशेषज्ञ, एक एनेस्थेटिक्स, पांच ग्राउंड स्टाफ, चार प्रशासनिक कर्मी और 17 पारा मेडिकल स्टाफ बहाल किए जाएंगे। इसी प्रकार सदर अस्पताल में एक औषधि विशेषज्ञ, एक शल्य चिकित्सक, दो स्त्री रोग विशेषज्ञ, एक शिशु रोग विशेषज्ञ, दो एनेस्थेटिक्स, एक हड्डी रोग विशेषज्ञ, एक आंख कान गला रोग विशेषज्ञ, एक रेडियोलाजिस्ट, एक पैथोलाजिस्ट, पांच चिकित्सा पदाधिकारी, पांच ग्राउंड स्टाफ, चार प्रशासनिक कर्मी, और 50 पारा मेडिकल स्टाफ नियुक्त किए जाने की आवश्यकता है। प्रस्ताव में चतरा के लिए दो तथा टंडवा के लिए एक-एक सफाई ट्रक की व्यवस्था इंगित की गई है।
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रेफर अस्पताल भी मानक के अनुसार होगा विकसित
सिमरिया का रेफरल अस्पताल भी इंडियन मेडिकल हेल्थ स्टैंडर्ड के आधार पर विकसित होगा। पत्थलगडा एवं कान्हाचट्ट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डाक्टर व पारा मेडिकल स्टाफ की कमी को दूर किया जाएगा। दो-दो डाक्टर व आठ-आठ पारा मेडिकल स्टाफ बहाल करने का प्रस्ताव लिया गया है। थैलेसिमिया रोगी के लिए स्पेशल सेल बनाने की भी योजना है। जहां पर सारी व्यवस्था होगी। कुंदा, लावालौंग, पत्थलगडा व कान्हाचट्टी में आधुनिक सुविधाओं से लैस एंबुलेंस का भी प्रस्ताव है।
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स्वास्थ्य सेवा की आधारभूत संरचना को सशक्त करने का मार्ग प्रशस्त - दैनिक जागरण
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