संवाद सहयोगी, करौं (देवघर): प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत प्रखंड में कई सड़कें बनी है। लेकिन वर्षों से उपेक्षित रानीडीह-बाराटांड़ सड़क की स्थिति काफी दयनीय हो चुकी है। लोगों को इस पथ पर आवाजाही करने में काफी परेशानी उठानी पड़ती है। झारखंड राज्य अलग बनने पर ग्रामीणों को लगा कि अब उनके अच्छे दिन आने वाले हैं। मगर लोगों को अब तक इसका सुखद अहसास नहीं हो सका है। आलम यह है कि हल्की बारिश होने से ही ग्रामीणों को भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों ने सड़क निर्माण के लिए मुखिया से लेकर जनप्रतिनिधि तक गुहार लगाई। आश्वासन तो मिला लेकिन वर्तमान में स्थिति जस की तस बनी हुई है। ग्रामीण इंतजार कर रहे हैं कि कब इस समस्या का समाधान होगा। संतोष रवानी, तुलसी रवानी, राजेश रवानी, देबू राय आदि ने बताया कि इस टोले की मुख्य समस्या सड़क की है। लोगों ने बताया कि जर्जर सड़क के कारण पंचायत व प्रखंड मुख्यालय जाने के लिए काफी परेशानी उठानी होती है। बरसात में समस्या काफी गंभीर हो जाती है। इन दिनों वाहनों का गुजरना तो दूर की बात पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। सड़क पर जगह-जगह गड्ढे निकल आए हैं। जिसमें बरसाती पानी जमा हो गया है।
अधूरे कार्यों को समय से करें पूरा : प्रखंड मुख्यालय के सभागार में गुरुवार को प्रखंड विकास पदाधिकारी सह अंचलाधिकारी साकेत कुमार सिन्हा ने प्रखंड में संचालित मनरेगा एवं प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर पंचायत सचिव एवं रोजगार सेवक को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी मनरेगा योजना के कार्यों में तेजी लाते हुए हर पंचायत से पांच योजनाओं का चयन सुनिश्चित करें। जिससे कि मजदूरों को घर पर ही काम मिल सके। वहीं बीडीओ ने कहा कि जो भी योजना लंबित चल रही है उसे जल्द पूर्ण करें। खासकर वर्ष 2016 से 21 तक लंबित 3187 प्रधानमंत्री आवास को जल्द पूर्ण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
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रानीडीह-बाराटांड़ मार्ग पर चलने में परेशानी - दैनिक जागरण
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