ट्रैक का निरीक्षण करते अधिकारी। - फोटो : RAIBARAILY
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रायबरेली/जायस। लखनऊ-वाराणसी रेल मार्ग पर जायस से रूपामऊ के बीच ट्रेनों की रफ्तार बढ़ने वाली है। यहां पर करीब 20 किमी. लंबी दूसरी नई रेल लाइन बिछाई गई है, जिस पर ट्रेनों को 145 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार तक दौड़ाया जा सकेगा।
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दोहरीकरण कार्य का निरीक्षण करने के लिए शुक्रवार को सीआरएस आ रहे हैं। निरीक्षण में सब कुछ ठीक मिला तो जायस-रूपामऊ ट्रैक को हरी झंडी मिल जाएगी।
रायबरेली के रूपामऊ से अमेठी के जायस स्टेशन तक दोहरीकरण कराया गया है। इस ट्रैक पर ट्रेनों का संचालन तभी शुरू होगा, जब सीआरएस की हरी झंडी मिलेगी। पिछले एक हफ्ते से सीआरएस के निरीक्षण को लेकर तैयारियां चल रही हैं।
शुक्रवार को सुबह 8 बजे से शुरू होने वाला निरीक्षण देर शाम तक चलेगा। इस दौरान 20 किमी. लंबे ट्रैक का हर एक पॉइंट चेक किया जाएगा। जायस, रूपामऊ और फुरसतगंज रेलवे स्टेशनों पर सघन निरीक्षण होगा, ताकि कोई भी हिस्सा छूटने न पाए।
अगर सब कुछ ठीक मिला तो जायस से रूपामऊ स्टेशनों के बीच कराए गए दोहरीकरण कार्य को हरी झंडी मिल जाएगी। सीआरएस के निरीक्षण को लेकर आरवीएनएल और केईसी संस्था के अधिकारी-कर्मचारी लगातार तैयारियों में जुटे हैं।
केईसी के प्रोजेक्ट मैनेजर जुबैर अहमद ने बताया कि सीआरएस के निरीक्षण को लेकर सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। निरीक्षण के बाद दोहरीकरण कार्य को हरी झंडी मिलने की पूरी उम्मीद है।
केईसी के अधिकारियों ने फिर देखी सारी तैयारियां
जायस से रूपामऊ तक दोहरीकरण समेत अन्य कार्य करा रही कार्यदायी संस्था केईसी के अधिकारियों ने गुरुवार को फिर से चप्पे-चप्पे को खंगाला। कहीं कोई कमी न रहने पाए, इसके लिए मोटर ट्राली से निरीक्षण किया।
सीआरएस के निरीक्षण को लेकर चल रही तैयारियों को भी देखा। केईसी के रीजनल मैनेजर नबजीत बरुआ के नेतृत्व में प्रोजेक्ट मैनेजर विजय मिश्रा, जुबैर अहमद और रामाश्रय पटेल ने मोटर ट्राली से जायस-रूपामऊ रेल लाइन का निरीक्षण किया। हर एक पॉइंट चेक किया। तीनों स्टेशनों पर सीआरएस के निरीक्षण की तैयारियों का जायजा लिया।
कल से शुरू हो जाएंगी निरस्त और डायवर्ट ट्रेनें
लखनऊ-वाराणसी रेल मार्ग पर फर्राटा भरने वाली तीन जोड़ी ट्रेनों को दोहरीकरण कार्य के चलते निरस्त कर दिया गया था और दो ट्रेनें डायवर्ट की गई थीं, जो अब 26 जून से पहले की तरह चलने लगेंगी।
जायस से रूपामऊ तक 18 जून से दोहरीकरण कार्य को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जो 25 जून को सीआरएस के निरीक्षण के साथ पूरा हो जाएगा। इसके बाद निरस्त की गई तीन ट्रेनों जनता मेल, पंजाब मेल, इंटरसिटी एक्सप्रेस का संचालन शुरू हो जाएगा। साथ ही डायवर्ट की गई अर्चना एक्सप्रेस और नीलांचल एक्सप्रेस भी अपने पुराने मार्ग से होकर चलने लगेगी।
दोहरीकरण कार्य का निरीक्षण करने के लिए शुक्रवार को सीआरएस आ रहे हैं। निरीक्षण में सब कुछ ठीक मिला तो जायस-रूपामऊ ट्रैक को हरी झंडी मिल जाएगी।
रायबरेली के रूपामऊ से अमेठी के जायस स्टेशन तक दोहरीकरण कराया गया है। इस ट्रैक पर ट्रेनों का संचालन तभी शुरू होगा, जब सीआरएस की हरी झंडी मिलेगी। पिछले एक हफ्ते से सीआरएस के निरीक्षण को लेकर तैयारियां चल रही हैं।
शुक्रवार को सुबह 8 बजे से शुरू होने वाला निरीक्षण देर शाम तक चलेगा। इस दौरान 20 किमी. लंबे ट्रैक का हर एक पॉइंट चेक किया जाएगा। जायस, रूपामऊ और फुरसतगंज रेलवे स्टेशनों पर सघन निरीक्षण होगा, ताकि कोई भी हिस्सा छूटने न पाए।
अगर सब कुछ ठीक मिला तो जायस से रूपामऊ स्टेशनों के बीच कराए गए दोहरीकरण कार्य को हरी झंडी मिल जाएगी। सीआरएस के निरीक्षण को लेकर आरवीएनएल और केईसी संस्था के अधिकारी-कर्मचारी लगातार तैयारियों में जुटे हैं।
केईसी के प्रोजेक्ट मैनेजर जुबैर अहमद ने बताया कि सीआरएस के निरीक्षण को लेकर सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। निरीक्षण के बाद दोहरीकरण कार्य को हरी झंडी मिलने की पूरी उम्मीद है।
केईसी के अधिकारियों ने फिर देखी सारी तैयारियां
जायस से रूपामऊ तक दोहरीकरण समेत अन्य कार्य करा रही कार्यदायी संस्था केईसी के अधिकारियों ने गुरुवार को फिर से चप्पे-चप्पे को खंगाला। कहीं कोई कमी न रहने पाए, इसके लिए मोटर ट्राली से निरीक्षण किया।
सीआरएस के निरीक्षण को लेकर चल रही तैयारियों को भी देखा। केईसी के रीजनल मैनेजर नबजीत बरुआ के नेतृत्व में प्रोजेक्ट मैनेजर विजय मिश्रा, जुबैर अहमद और रामाश्रय पटेल ने मोटर ट्राली से जायस-रूपामऊ रेल लाइन का निरीक्षण किया। हर एक पॉइंट चेक किया। तीनों स्टेशनों पर सीआरएस के निरीक्षण की तैयारियों का जायजा लिया।
कल से शुरू हो जाएंगी निरस्त और डायवर्ट ट्रेनें
लखनऊ-वाराणसी रेल मार्ग पर फर्राटा भरने वाली तीन जोड़ी ट्रेनों को दोहरीकरण कार्य के चलते निरस्त कर दिया गया था और दो ट्रेनें डायवर्ट की गई थीं, जो अब 26 जून से पहले की तरह चलने लगेंगी।
जायस से रूपामऊ तक 18 जून से दोहरीकरण कार्य को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जो 25 जून को सीआरएस के निरीक्षण के साथ पूरा हो जाएगा। इसके बाद निरस्त की गई तीन ट्रेनों जनता मेल, पंजाब मेल, इंटरसिटी एक्सप्रेस का संचालन शुरू हो जाएगा। साथ ही डायवर्ट की गई अर्चना एक्सप्रेस और नीलांचल एक्सप्रेस भी अपने पुराने मार्ग से होकर चलने लगेगी।
लखनऊ-वाराणसी रेल मार्ग पर आज मिल सकती है जायस-रूपामऊ के बीच दोहरीकरण को हरी झंडी - अमर उजाला
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