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सुल्तानपुर पट्टी। ग्राम सरकरा को जाने वाले मार्ग के हाल बेहाल हैं। मार्ग के लिए ग्रामीण कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं बावजूद इसके न ही प्रशासन और जनप्रतिनिधि उनकी सुध नहीं ले रहे। ग्रामीणों का कहना है कि मार्ग खराब होने से बीमार लोगों को अस्पताल और बच्चों को स्कूल जाने में परेशानी होती है।
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23 साल पहले बना यह छह किमी मार्ग रामजीवनपुर, हाथी कुंडा, कोसी कांटा, तरनपुरा, जोगीपुरा और पिपलिया गांव को जोड़ता है। बरसात में मार्ग के गड्ढों में पानी भरने से सड़क पर खतरे का सफर करना पड़ता है। मार्ग की दुर्दशा को लेकर आक्रोशित लोगों ने बुधवार को भी प्रदर्शन कर मार्ग की दशा सुधारने की मांग की। प्रदर्शन करने वालों में शकील, हुसैन, अल्फेज, मो. जान, रईस, राफिया, फैजुल आदि थे।
- 20 साल पहले हम भी इसी टूटे रास्ते से गुजरते थे अब हमारे पोते भी इसी टूटे रास्ते से स्कूल जाया करते हैं। रास्ते के खराब होने के कारण बरसात के दिनों में सबसे अधिक परेशानी होती है।
- इबले हसन, ग्रामीण
ग्राम सरकार की सड़क खराब होने के कारण सबसे बड़ी समस्या शादी या अन्य किसी तरह का कार्यक्रम आयोजित करने पर होती है। टूटी सड़क को लेकर कई लोग यहां रिश्ता देने या लेने को तैयार नहीं होते।
- मो. उस्मान, ग्रामीण
सड़क निर्माण को लेकर 20 साल से मंत्रियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के चक्कर काट रहे हैं। देहरादून तक शिकायती पत्र भी दे चुके हैं। लेकिन अभी तक किसी ने भी सड़क निर्माण की सुध नहीं ली।
- नबी हसन, ग्रामीण
सड़क खराब होने के कारण बीमारों को लेने एंबुलेंस वाले गांव में आने से मना कर देते हैं जिससे गंभीर मरीज को अस्पताल ले जाने में परेशानी होती है। गर्भवती महिलाएं भी अस्पताल नहीं पहुंच पाती।
- मुनव्वर हुसैन, ग्रामीण
23 साल पहले बना यह छह किमी मार्ग रामजीवनपुर, हाथी कुंडा, कोसी कांटा, तरनपुरा, जोगीपुरा और पिपलिया गांव को जोड़ता है। बरसात में मार्ग के गड्ढों में पानी भरने से सड़क पर खतरे का सफर करना पड़ता है। मार्ग की दुर्दशा को लेकर आक्रोशित लोगों ने बुधवार को भी प्रदर्शन कर मार्ग की दशा सुधारने की मांग की। प्रदर्शन करने वालों में शकील, हुसैन, अल्फेज, मो. जान, रईस, राफिया, फैजुल आदि थे।
- 20 साल पहले हम भी इसी टूटे रास्ते से गुजरते थे अब हमारे पोते भी इसी टूटे रास्ते से स्कूल जाया करते हैं। रास्ते के खराब होने के कारण बरसात के दिनों में सबसे अधिक परेशानी होती है।
- इबले हसन, ग्रामीण
ग्राम सरकार की सड़क खराब होने के कारण सबसे बड़ी समस्या शादी या अन्य किसी तरह का कार्यक्रम आयोजित करने पर होती है। टूटी सड़क को लेकर कई लोग यहां रिश्ता देने या लेने को तैयार नहीं होते।
- मो. उस्मान, ग्रामीण
सड़क निर्माण को लेकर 20 साल से मंत्रियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के चक्कर काट रहे हैं। देहरादून तक शिकायती पत्र भी दे चुके हैं। लेकिन अभी तक किसी ने भी सड़क निर्माण की सुध नहीं ली।
- नबी हसन, ग्रामीण
सड़क खराब होने के कारण बीमारों को लेने एंबुलेंस वाले गांव में आने से मना कर देते हैं जिससे गंभीर मरीज को अस्पताल ले जाने में परेशानी होती है। गर्भवती महिलाएं भी अस्पताल नहीं पहुंच पाती।
- मुनव्वर हुसैन, ग्रामीण
सरकरा मार्ग की बदहाली से जनता परेशान, सुध लेने वाला कोई नहीं - अमर उजाला
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