सगड़ी तहसील के चांदपट्टी बाजार में चांदपट्टी-रौनापार मार्ग पर जमा पानी। - फोटो : AZAMGARH
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लाटघाट। दो वर्ष पहले लाखों की लागत से निर्मित भीमबर-रौनापार मार्ग बदहाल हो चुका है। 12 किमी लंबे इस मार्ग में इतने गड्ढ़े हो चुके हैं कि बरसात होने के बाद इन मार्गों पर पैदल चलना भी दूूूभर हो गया। दो पहिया और साइकिल सवार वाहन आए दिन गिरकर चोटिल हो रहे हैं।
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यह मार्ग क्षेत्र के दर्जनों गांव भीमबर, बुढ़ानपट्टी, चांदपट्टी, रौनापार बाजार जाने का मुख्य मार्ग हैं। सड़क टूटने के कारण जर्जर अवस्था में पहुंच गई है, जिससे दुर्घटना की आंशका बनी हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि सड़क जर्जर होने से काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। ओवरलोड वाहनों का आवागमन धड़ल्ले से जारी है। क्षमता से अधिक सामाग्री लादकर निकलने वाले वाहन आए दिन रास्ते में दुर्घटनाग्रस्त हो जा रहे हैं। सड़क दलदलनुमा होने की वजह से बड़े वाहन उसमें फंस रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि चांदपट्टी मुख्य बाजार में सड़क पोखरे में तब्दील हो गई है। दो पहिया वाहन निकालना मुश्किल हो गया है। चांदपट्टी ग्राम प्रधान मोहम्मद तहसीम अहमद ने बताया कि इसके संबंध में ब्लॉक से लेकर जिला मुख्यालय तक संबंधित विभाग को शिकायत की गई पर यह सड़क दो साल पहले बनते ही टूटना शुरू हुआ और आज यह पूरी बाजार पोखरे में तब्दील हो गई है। इससे आना-जाना दूभर हो गया है। हम ग्रामीण एक सप्ताह में अगर कोई कार्य नहीं होता है तो धरना प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे और आवश्यकता हुई तो बाजार में जाम भी लगा देंगे।
यह मार्ग क्षेत्र के दर्जनों गांव भीमबर, बुढ़ानपट्टी, चांदपट्टी, रौनापार बाजार जाने का मुख्य मार्ग हैं। सड़क टूटने के कारण जर्जर अवस्था में पहुंच गई है, जिससे दुर्घटना की आंशका बनी हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि सड़क जर्जर होने से काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। ओवरलोड वाहनों का आवागमन धड़ल्ले से जारी है। क्षमता से अधिक सामाग्री लादकर निकलने वाले वाहन आए दिन रास्ते में दुर्घटनाग्रस्त हो जा रहे हैं। सड़क दलदलनुमा होने की वजह से बड़े वाहन उसमें फंस रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि चांदपट्टी मुख्य बाजार में सड़क पोखरे में तब्दील हो गई है। दो पहिया वाहन निकालना मुश्किल हो गया है। चांदपट्टी ग्राम प्रधान मोहम्मद तहसीम अहमद ने बताया कि इसके संबंध में ब्लॉक से लेकर जिला मुख्यालय तक संबंधित विभाग को शिकायत की गई पर यह सड़क दो साल पहले बनते ही टूटना शुरू हुआ और आज यह पूरी बाजार पोखरे में तब्दील हो गई है। इससे आना-जाना दूभर हो गया है। हम ग्रामीण एक सप्ताह में अगर कोई कार्य नहीं होता है तो धरना प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे और आवश्यकता हुई तो बाजार में जाम भी लगा देंगे।
दो वर्ष में ही बदहाल हुआ भीमबर-रौनापार संपर्क मार्ग - अमर उजाला
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