जहांगीराबाद। नर ही नारायण की भावना से भरे हुए और इसी को अपना मूल मंत्र मानकर बिसवां तहसील में कार्यरत लेखपाल इन दिनों सोशल मीडिया की सुर्खियां बने हुए हैं। आलम ये है कि ये एक माह से अपना घर छोड़कर बाढ़ कटान प्रभावित क्षेत्र में डटे हुए हैं। लोगों की मदद प्रशासनिक कर्मियों को बड़ी सीख दे रही है।
रेउसा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र एक माह के भीतर दुश्वारियों भरा इलाका बन गया है। ऐसे में राजस्वकर्मियों बाढ़ कटान प्रभावित क्षेत्रों को जाने में एक समस्या मान रहे हैं। वही लेखपाल सदानंद उर्फ स्वामी जी इन दिनों में सोशल मीडिया में खूब चर्चित हो रहे हैं। कभी रात में लोगों को खाना बाटते हुए मिले जाते हैं। क्षेत्र का मुआएना और मुआवजा देने के लिए ये रात में नाव का भी सहारा लेने से नहीं चूकते। तहसील क्षेत्र के ग्राम गोलोक कोड़र के दो मजरे फौजदारपुरवा एवं परमेश्वरपुरवा में कटान प्रभावित क्षेत्र के लोगों की समस्याओं का हल निकालने का प्रयास किया। बाढ़ क्षेत्र में दस वर्षों से कार्यरत 55 वर्षीय लेखपाल सदानंद को लोग स्वामी जी के नाम से पुकारते हैं। दिन रात के कार्यों को लेकर लोगों के बीच ये चर्चा में हैं। तहसीलदार अविचल प्रताप सिंह का कहना है कि लेखपाल का सार्थक प्रयास लोगों को राहत दिलाने में मदद कर रहा है। रामखेलावन, राजाराम और देशराज का कहना है कि बढ़ती बाढ़ की लहरों के बीच जब राहत लेने की बात आती है तो स्वामी जी को ही याद किया जाता है। हाल फिलहाल इन्हीं के कार्य राजस्वकर्मियों के लिए इन दिनों खास नसीहत बन रहे हैं।
लोगों का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं - Hindustan हिंदी
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