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Thursday, July 8, 2021

22 वर्ष बाद भी नहीं बना मार्ग, राहगीर परेशान - दैनिक जागरण

कुशीनगर : तुर्कपट्टी चौराहे से नहर से होते हुए तुर्कपट्टी फाल को जोड़ने वाला मार्ग दो दशक से क्षतिग्रस्त है। यह मार्ग लोगों के लिए भी परेशानी का सबब बना हुआ है। बरसात के कारण मार्ग पर जल जमाव है, कीचड़ भरा हुआ है। कसया-तमकुही मार्ग स्थित तुर्कपट्टी चौराहे से पडरौना समउर मार्ग को जोड़ने के लिए नहर की पटरी ही एकमात्र रास्ता है। इस मार्ग से दर्जनभर विद्यालयों के छात्रों का आवागमन रहता है। खास बात यह है कि यह मार्ग कुशीनगर व देवरिया लोकसभा क्षेत्र को जोड़ता है। बा•ारवासी दयाशंकर पांडेय, टुन्नू, पुरुषोत्तम वर्मा, सर्वेश तिवारी, राजू तिवारी, राजेश मद्धेशिया, कुंदन यादव, राजन रौनियार व टुनटुन आदि का कहना है कि जिला मुख्यालय, कुबेरधाम, खनवार स्थित देवी स्थान एवं पड़रौना आने जाने के लिए इस मार्ग का सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है।

सलेमगढ़-बहादुरपुर संपर्क मार्ग बदहाली का शिकार

सलेमगढ़ फोरलेन से ग्राम बहादुरपुर होते हुए बिहार सीमा को जोड़ने वाला संपर्क मार्ग बदहाली का शिकार हो गया है। सड़क में अनगिन गड्ढे गन गए हैं, उनमें बारिश का पानी भर गया है। बहादुरपुर के प्रधान संतोष गुप्ता, सलेमगढ़ के राजकुमार ने बताया कि सड़क की समस्या से उपजिलाधिकारी सहित पीडब्ल्यूडी को अवगत कराया जा चुका है। एसडीएम तमकुहीराज एआर फारुकी ने बताया कि संबंधित विभाग को बता दिया गया है। कारवाई हो रही है।

हादसे का कारण बन रही रेलिंग विहीन पुलिया

एनएच 28 बी के बेलवनिया मिशन चौराहे के समीप नाला पर बनाई गई पुलिया की रेलिग टूट गई है। कई लोग नाला में गिरकर घायल हो चुके हैं। कई की मौत भी हो चुकी है।

ग्रामीणों का कहना है कि कई बार इसकी शिकायत अधिकारियों से की गई, लेकिन रेलिग नहीं बनवाई जा रही है। पिछले साल कोहरे में पुल से टकराकर कार नाले में गिर गई थी। दुर्घटना में बिहार के बेतिया के रहने वाले रामबाबू, विकास, अजीत की मौत हो गई थी।

खतरनाक हैं मंदिर मार्ग के किनारे बने गड्ढे

कुशीनगर में बुद्ध मंदिर मार्ग के किनारे एक दूरसंचार कंपनी द्वारा केबल बिछाने के दौरान खोदे गए गड्ढों को ठीक से नहीं भरने से वह दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। केबल डालने के लिए बुद्ध द्वार से रामाभार स्तूप तक सड़क के किनारे मशीन से जगह-जगह खोदाई कर अनेक होल बनाकर केबल डाल दिया गया। कार्य समाप्त होने के बाद गड्ढों को मिट्टी से पाट दिया गया। उसकी पक्की भराई नहीं की गई। बारिश होने पर गड्ढों की मिट्टी धंस गई है और वहां गहरे गड्ढे बन गए हैं। दोपहिया और चारपहिया वाहन चालक कभी भी गिरकर घायल हो सकते हैं। पैदल चलने वालों के लिए भी यह खतरनाक हैं। बुद्ध मंदिर मार्ग का सौंदर्य भी प्रभावित हो रहा है। नगरपालिका परिषद कुशीनगर के अधिशासी अधिकारी प्रेमशंकर गुप्त ने बताया कि केबल बिछाने वाली कंपनी शासन स्तर से ही अनुमति लेकर आई थी। कार्य समाप्ति के बाद मरम्मत का कार्य उन्हीं के जिम्मे था। उन्होंने नहीं कराया। यह कार्य नगरपालिका की ओर से किया जाएगा।

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जोखिम भरा है सिढ़पुरा-सहावर मार्ग पर सफर करना - दैनिक जागरण

सिढ़पुरा, संवाद सूत्र : सिढ़पुरा-सहावर बाया मोहनपुर तक सड़क बदहाल हालत में है। इस मार्ग पर सफर करना जोखिम भरा है। वाहन चालकों को तो परेशानी ...