मार्ग में फंस रहे वाहन, कई जगह तालाब जैसा नजारा
बलौदाबाजार. शासन तथा प्रशासन द्वारा जिले में हो रहे विकास के दावों की हकीकत बलौदाबाजार से ग्राम हलवाई, खपरी-खैंदा-रसेड़ा पहुंच मार्ग को देख कर पता चल जाता है। बलौदाबाजार ब्लॉक ही नहीं बल्कि पूरे जिले के सर्वाधिक खस्ताहाल मार्गों में से यह मार्ग प्रमुख है। सर्वाधिक हैरत की बात यह है कि यह मार्ग दो-दो विधानसभा क्षेत्र में आता है, वहीं यह मार्ग जिला मुख्यालय से जुड़ा हुआ है, इसके बावजूद इस मार्ग की दशा पर किसी को रोना नहीं आ रहा। गुहार लगाते थक चुके लोग अब इस मार्ग से आवागमन करना बंद कर दिया है।
ग्राम हलवाई खपरी, खैंदा, रसेड़ा पहुंच मार्ग वर्तमान में अत्यधिक जर्जर हो चुकी है, जिसके चलते लोगों को आवागमन में अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिला मुख्यालय से लगी सड़कों में फिलहाल इस सड़क का ही अब तक जीर्णोद्धार नहीं हो पाया है। 12 किमी लंबी इस सड़क पर जगह-जगह बड़े-बड़े और गहरे गड्ढे बन चुके हैं। पिछले दिनों हुई बारिश के बाद तो लगभग मार्ग पर ग्रामीणों का आवागमन ही ठप हो गया है। मार्ग में कई स्थानों पर तालाबनुमा गढ्डों में सोनाडीह सीमेंट संयंत्र की ओर जाने वाले भारी वाहन फंस रहे हैं।
वहीं ग्रामीण शासकीय विभागों की उदासीनता व सीमेंट संयंत्र की स्वार्थ परकता के चलते लाचार बैठे हुए हैं। इस मार्ग का निर्माण करीब 18 वर्ष पूर्व किया गया था, जिसके बाद इस मार्ग के रखरखाव की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया है। क्षेत्र के एक निजी सीमेन्ट संयंत्र के वाहनों के आवागमन हेतु इस मार्ग का सर्वाधिक उपयोग किया जाता है, जिसकी वजह से इस मार्ग का संधारण का कार्य भी उक्त सीमेंट प्रबंधन द्वारा किया जाता रहा है, जो बीते कई माह से नहीं किया जा रहा है। हांलाकि वर्तमान में भी सीमेंट संयंत्र के भारी वाहनों का इसी मार्ग से आवागमन होता है, जिसके चलते रखरखाव न होने से मार्ग पूरी तरह से जर्जर हो चुका है।
इस मार्ग का उपयोग करने वाले ट्रक चालकों ने बताया कि अक्सर बड़े गड्ढों में उनके ट्रक फंस जाते हैं। वहीं ग्रामीणों व दुपहिया चालकों को बड़ेे व गहरे गड्ढे में आवागमन के दौरान अत्यधिक असुविधाजनक परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है। ग्रामीण रात्रि में इस मार्ग का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। ग्रामीणों ने लोक निर्माण विभाग समेत स्थानीय जन प्रतिनिधियों से इस मार्ग के शीघ्र निर्माण की मांग की है।
दो विस क्षेत्रों का मामला फिर भी उपेक्षित
इस मार्ग के आसपास आने वाले ग्राम बलौदा बाजार तथा कसडोल विधानसभा के अन्तर्गत आते हैं। जहां चुनावों के समय जनप्रतिनिधियों और नेताओं का दौरा तो भरपूर होता है और इन ग्रामों के मतदाताओं का अधिक से अधिक वोट बटोरकर चुनाव जीतने नेताओं द्वारा चुनाव जीतने के बाद सड़क का नया निर्माण कराए जाने शिगूफा छोड़ जाते हैं। लेकिन चुनाव जीतने के बाद फिर कोई इस मार्ग की सुध नहीं लेता। दो विधानसभाओं के अन्तर्गत आने के बाद भी यह मार्ग अपनी उपेक्षा पर आंसू बहा रहा है।
डेढ़ घंटे में तय होता है 12 किमी का सफर
मुख्य मार्ग से ग्राम रसेड़ा तक इस मार्ग की कुल दूरी महज 12 किमी है। जिसे तय करने में वर्तमान में एक से डेढ़ घंटे का समय लगता है। 12 किमी के मार्ग में सैकड़ों बड़े और छोटे गड्ढे हैं, जो बरसात के दिनों में जानलेवा बन जाते हैं। सड़क की हालत को देखते हुए अधिकांश छोटे चार पहिया वाहनों ने इस मार्ग का उपयोग ही बंद कर दिया है।
विभागीय अधिकारी कहते हैं
इस संबंध में कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग टीसी ने बताया कि मार्ग के जीर्णोंद्धार हेतु प्रयास जारी है। सड़क निर्माण हेतु प्राकलन रिपोर्ट तैयार कर शासन के समक्ष भेजा गया था, किन्तु किसी कारणवश यह बजट में शामिल नहीं हो सका। फिलहाल उक्त सड़क के निर्माण हेतु सीजीआरडीसीएल में भी प्रस्ताव भेजा गया है और विभागीय मद से जल्द ही मरम्मत कराई जाएगी।
खस्ताहाल मार्ग की हालत देख लोग आवागमन से कतराने लगे - Patrika News
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