जेएनएन, बिजनौर। मानसून की पहली बारिश ने एनएच-74 से गुजरने वाले कांवड़ यात्रा को लेकर चल रहे कार्यो की पोल खोल दी। बारिश की वजह से कांवड़ यात्रा मार्ग पर कई जगह गड्ढे हो गए। वहीं शेरकोट में चौड़ीकरण का काम पूरा नहीं हुआ। इस कारण शिवभक्तों की राह और कठिन होगी।
श्रावण मास में हरिद्वार से जल लेकर हजारों शिवभक्त देहरादून-नैनीताल राष्ट्रीय राजमार्ग-74 से अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान करते हैं। पिछले दो साल से कोरोना संक्रमण की वजह से कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध होने की वजह से इस मार्ग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। इस कारण फोरलेन का कार्य कई स्थानों पर धीमी गति से चल रहा है। वहीं, संपर्क मार्गों की हालत बद से बदतर है। मुख्यमंत्री ने 15 जुलाई से इन मार्गों की मरम्मत करने की हिदायत दी थी। धामपुर तहसील क्षेत्र में नेशनल हाईवे-74 से उत्तराखंड के काशीपुर-जसपुर और अफजलगढ़, शेरकोट आदि क्षेत्रों से जाने वाले शिवभक्त इसी रास्ते से गुजरते हैं। इस मार्ग पर चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है। शेरकोट क्षेत्र में हाईवे के चौड़ीकरण के लिए मिट्टी का भराव किया जा रहा है। बुधवार को हुई बारिश ने मिट्टी से होकर गुजरने वाले लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। हालांकि, निर्माण कंपनी ने मिट्टी को समतल करा दिया, लेकिन बरसात से यहां फिसलन हो गई है। ऐसे में यह रास्ता खतरनाक हो गया है। नजीबाबाद क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग मोटा महादेव-भागूवाला बाइपास मार्ग का चौड़ीकरण किया जा रहा है। सूखा नदी पर पुल का निर्माण भी चल रहा है, लेकिन मानसून की पहली बारिश ने प्रशासन नींद उड़ा दी है। बारिश के चलते सड़कों के गड्ढे और बढ़े हो गए हैं। नेशनल हाईवे को जोड़ने वाले दोयजवाली-टीला मंदिर क्षेत्र बेहद खराब है। इस मार्ग में जगह-जगह गड्ढे बने हैं। प्राचीन मां काली मंदिर के निकट यह मार्ग तालाब में तब्दील है।
इनका कहना है-
कांवड़ यात्रा मार्ग का निरीक्षण कर मरम्मत कराने के आदेश संबंधित विभाग के अफसरों को दे दिए गए हैं।
-भगवान शरण पटेल, एडीएम प्रशासन।
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बारिश ने खोल दी कांवड़ यात्रा मार्ग की पोल - दैनिक जागरण
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