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मधुबन तहसील क्षेत्र के दो जिलों को जोड़ने वाले अहिरूपुर गांव के पास स्थित ढाई दशक पूर्व सांसद निधि से करोड़ों की लागत से मऊ और बलिया जिले के सैकड़ों गांवों को जोड़ने वाला अहिरूपुर पुल एप्रोच मार्ग के अभाव में बेकार साबित हो रहा है। क्षेत्र वासियों ने ढाई दशक से जनप्रतिनिधियों व उच्चाधिकारियों से पुल के दोनों तरफ एप्रोच मार्ग बनाने की मांग कर रहे हैं। मगर मार्ग का निर्माण आज तक नहीं हो सका। मधुबन तहसील क्षेत्र के सैकड़ों गांवों को बलिया जनपद से जोड़ने वाला अहिरूपुर गांव के हाहानाला पर सांसद निधि से सवा करोड़ रूपए की लागत पुल ढाई दशक पहले बना था। एप्रोच मार्ग के अभाव में हाथी का दांत साबित हो रहा है। मधुबन बिधान सभा के अहिरूपुर निवासी सत्येंद्र यादव का कहना है कि करोड़ों की लागत से बना पुल एप्रोच मार्ग के अभाव में बेकार पड़ा है। अहिरुपुर हाहा नाला स्थित पुल के दोनों तरफ एप्रोच मार्ग का निर्माण हो जाता तो लोगों के लिए आवागमन की राह आसान हो जाती। शासन प्रशासन से जनहित में एप्रोच मार्ग निर्माण की मांग की है। नेवादा गोपालपुर के पूर्व प्रधान अमित तिवारी का कहना है कि लोगों की सुविधा के लिए विकास पुरुष स्व कल्पनाथ राय ने सवा करोड़ की लागत से पुल का निर्माण कराया था किंतु एप्रोच मार्ग के अभाव में पुल का उपयोग नहीं हो पा रहा है। वहीं कांग्रेस नेता एवं तिघरा प्रधान श्याम नारायण सिंह का कहना है कि पुल के दोनों तरफ एप्रोच मार्ग तथा तिघरा से पुल तक का मार्ग न बनने के चलते सैकड़ों गांवों के लोगों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एप्रोच मार्ग तथा तिघरा गांव से पुल तक निर्माण कार्य हो जाता तो लोगों को आवागमन में काफी राहत मिलती। इसके साथ ही क्षेत्र के संतविजय सिंह, शिव मूरत सहानी प्रधान, रमेश तिवारी, लल्लन यादव, जयराम यादव आदि ने मार्ग बनाने की शासन से मांग किया है।
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एप्रोच मार्ग के अभाव में बेमक़सद साबित हो रहा पुल - अमर उजाला
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