Publish Date: | Mon, 05 Jul 2021 06:20 AM (IST)
बालोद। जिला मुख्यालय से करीब10 किलोमीटर दूर ग्राम मुल्लेगुड़ा व घोटिया मार्ग पर भारी भरकम रेत भरी गाड़ियों ने सड़क की हालत बिगाड़ दी है। कीचड़ और गड्ढों से मार्ग बदहाल होता जा रहा है। बालोद से घोटिया मार्ग इन दिनों रेत भरी बड़ी बड़ी हाइवा से मार्ग बदहाल होता जा रहा है। वजह है यह है की भारी वाहनों की लगातार आवाजाही है ।वही ंग्रामीणों से मिलिजानकारी के अनुसार हाईवा में रेत चैनमाउंटेन के माध्यम से लोड किया जाता है जिससे रेत के साथ बहुत से मात्रा में पानी भी हाईवा में चला जाता है जो पूरी मार्ग में झड़ते हुए मार्ग में फैल जाता है जो प-ी सड़क को खराब कर रही है। जिसके चलते मार्ग में जगह जगह पर गड्डे हो चुके हैं। लगातार वाहनों की आवाजाही से सड़क उखड़ने लगी हैं तो वहीं लगातार रेत से भरी गाड़ियों के चलते सड़क खराब हो रही है। कई जगह दलदल की स्थिति निर्मित हो गई है।
प्रमुख रूप से जब रानी माई मंदिर घाटी उतरते हैं तो सड़क इतनी खराब हो गई है, वहां गुजरते समय अन्य वाहन चालकों को भी डर लगता है। सड़क मरम्मत को लेकर विभाग द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिससे राहगीरों में भी नाराजगी है तो वहीं ऐसे हालात में घाटी में ही सड़क खराब होने से खतरा भी बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों द्वारा शासन प्रशासन से मांग की गई है की सड़क की मरम्मत व सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जाए। तभी सड़क सुरकक्षित रहेगी वरना उखड़ जाएगी।
ज्ञात हो कि इस सड़क का निर्माण कुछ साल पहले ही हुआ था । अभी से ही सड़क उखड़ने से गुणवत्ता पर भी सवाल उठने लगा है। सिंघोला के भोला राम नेताम व अन्य ग्रामीणों ने बताया कि अगर यही हाल रहा तो सड़क फिर चलने लायक नहीं रहेगी। क्षेत्र से कई जगह से नदियों से रेत का परिवहन लगातार हो रहा है। बड़ी-बड़ी हाईवा यहां से गुजरते हैं। जिससे यह सड़क तेजी से खराब हो रही है। वहीं इस क्षेत्र के जनपद सदस्य अमृता नेताम का कहना है की रेत से भरी भारी वाहनों पर प्रतिबन्ध लगाई जाए। ग्रामीणों द्वारा इस मार्ग को बनवाने के लिए शासन प्रशासन से कई बार मांग करने के बाद एक साल पूर्व इस मार्ग का जीर्णोद्धा हुआ है जिसे रेत माफियाओ द्वारा भारी भरकम वाहनों में रेत भर कर खराब किया जा रहा है। वहीं शासन प्रशासन से मांग करती हूँ की ऐसी वाहनों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए ।
ट्रकों की चपेट में आने से मवेशियों की हो रही मौत
जिला मुख्यालय के मुख्य गेट माने जाने वाले झलमला चौक में आए दिन रात में ट्रक की चपेट में आने से मवेशियों की मौतें हो रही हैं। ग्रामीणों की मिली जानकारी के अनुसार दल्ली से भिलाई जाने वाली मालवाहक ट्रकों की चपेट में आने से मौत हो रही हैं वहीं ग्रामीणों का कहना है की इन तेज रफ्तार वाहनों पर यातायात विभाग द्वारा कार्यवाही नहीं की गई तो आए दिन मुख्य मार्ग में मवेशियों की मौतें होती रहेंगी। ग्रामीणों ने कहा कि अभी कांग्रेस सरकार द्वारा करोड़ो शुरू की गई नरवा, गरुवा, घुरुवा, बाड़ी योजना की चर्चा प्रदेश भर में है। गावों में यह योजना युद्घस्तर पर लागू की जा रही है। और गोठानों को 'गरुवा' कार्यक्रम के तहत बेहतर रूप से विकसित किया जा रहा है। लेकिन शहरों व ग्रामीण अंचलों में इसके ठीक विपरीत स्थिति देखने को मिल रही है। सड़कों पर मवेशियों का कब्जा होने की वजह से लगातार दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। जिला मुख्यालय सहित जिले भर की मार्ग हर रोज मवेशियों के खून से लाल हो रही हैं। एक सप्ताह पहले झलमला स्थित बस स्टैंड में अज्ञात वाहन सड़क पर बैठे मवेशी को रौंदते हुए निकल लगया। मौके पर ही उस मवेशी की मौत हो गई, जिसे सुबह तक कुत्तों की झुंड नोचते रहे वहीं चार माह पूर्व इशी तरह सुबह ग्राम उमरादाह में एक अज्ञात वाहन ने पांच मवेशियों को रौंद कर मार डाला था।
Posted By: Nai Dunia News Network
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रेत वाहनों ने बिगाड़ दी घोटिया मार्ग की सूरत, लोग परेशान - Nai Dunia
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