मुरादाबाद, [प्रदीप चौरसिया]। Indian Railway News : देश का सबसे खराब रेल मार्ग माना जाना वाला बरेली-मुरादाबाद मार्ग सबसे बेहतर होने जा रहा है। इस मार्ग पर शीघ्र की एक के पीछे-पीछे एक ट्रेनें चलेगी। मार्च तक तीन स्टेशनों से शीघ्र मैनुअल सिस्टम हटाकर आधुनिक सिस्टम लगाया जाएगा।कुछ साल पहले तक मुरादाबाद से बरेली 90 किलो मीटर रेल मार्ग को देश का सबसे खराब रेल मार्ग माना जाता था। रेललाइन काफी पूरानी हो चुकी थी, प्वाइंट तक खराब हो चुके थेे। इस मार्ग पर लगातार ट्रेन दुर्घटना होती थींं। रामपुर के पास राजरानी एक्सप्रेस जैसी बड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो चुकी है।
मुरादाबाद बेरली के बीच सबसे तेज गति से चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस समेत आधुनिक इंजन, कोच आदि का ट्रायल किया जा चुका है। इस मार्ग के खराब होने के चलते यहां ट्रेनों को धीमी गति से चलाया जा रहा था।दरअसल, रेलवे की कोच फैक्ट्री में नए कोच, बोगी, इंजन बनाए जाते हैं। इनको चलाने से पहले अनुसंधान, डिजाइन एवं मानक संगठन(आरडीएसओ) चलाकर कर परीक्षण करता है। परीक्षण के लिए सबसे अधिक खराब रेल मार्ग का चयन किया जाता है। इसके लिए बरेली मुरादाबाद रेल मार्ग का चयन किया जाता था।
मंडल रेल प्रशासन ने मार्ग के इस दाग को मिटाने के लिए लगातार काम कर रहा है। 17 किलोमीटर रेल मार्ग को छोड़कर शेष रेललाइन को बदल दिया गया है। इस मार्ग पर 160 घंटे प्रति किलोमीटर की गति से ट्रेन चलाने के लिए स्लीपर बदलेे जा चुके हैंं। इसके बीच पड़ने वाले अधिकांश स्टेशनों के यार्ड के प्वाइंट तक बदल दिए गए हैंं। साथ ही तीन स्टेशनों को छोड़कर सभी स्टेशनों के ट्रेन संचालन के लिए मैनुअल सिस्टम को हटा दिया है। उसके स्थान पर आधुनिक सिग्नल सिस्टम लगाया जा चुका है। रामपुर समेत तीन स्टेशनों से मार्च तक मैनुअल सिस्टम को हटा दिया जाएगा। इतना सुधार हो जाने के बाद इस मार्ग पर ट्रेन दुर्घटनाएं होना बंद हो चुकी हैंं। अधिकांश स्टेशनों से ट्रेनें तेज गति से चलाना शुरू हो गया है।
मंडल रेल प्रबंधक तरुण प्रकाश ने कहा कि मुरादाबाद-बरेली रेल मार्ग की खराब छवि को बदला जा रहा है। आने वाले समय में यह सबसे सुरक्षित रेल मार्ग होगा। इस मार्ग पर अधिक से अधिक ट्रेनें चलाने के लिए दो स्टेशनों के बीच आटोमैटिक सिग्नल सिस्टम लगाया जाएगा। कब कौन स्टेशन निकल गया ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को पता तक नहीं चलेगा।
देश का सबसे खराब रेल मार्ग अब हो रहा बेहतर, जानें 90 किलोमीटर का यह मार्ग क्यों माना जाता है खराब - दैनिक जागरण
Read More
No comments:
Post a Comment