जखोली ब्लॉक के पाडुली में मोटर मार्ग निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों का धरना दूसरे दिन भी रहा ज? - फोटो : RUDRAPRYAG
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सुमाड़ी-सेमा-लड़ियासु-बिराणगांव-जाखाल मोटर मार्ग निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना दूसरे दिन भी जारी रहा। उन्होंने मार्ग का निर्माण शुरू होने तक आंदोलनरत रहने का निर्णय लिया और लोनिवि व वन विभाग पर उपेक्षा का आरोप लगाया। उन्होंने चेतावनी दी कि एक सप्ताह में मार्ग निर्माण के लिए जरूरी कार्रवाई नहीं हुई तो ग्रामीण आमरण अनशन के लिए भी बाध्य होंगे। इसकी जिम्मेदारी शासन, प्रशासन, वन व लोक निर्माण विभाग की होगी।
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मयाली-चिरबटिया-घनसाली मोटर मार्ग पर पाडुली में धरना देते हुए ग्रामीणों ने कहा कि वर्ष 2010 में भरदार क्षेत्र के सेमा, लड़ियासु, बिराणगांव, जाखाल गांवों को यातायात से जोड़ने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री ने सड़क की घोषणा की थी। तब, लोनिवि ने वन विभाग के साथ मार्ग निर्माण के लिए कई बार सर्वेक्षण भी किया लेकिन एक दशक बीत जाने के बाद भी मार्ग का निर्माण शुरू नहीं हो पाया है। इससे ग्रामीण हताश हैं। यातायात सुविधा के अभाव में ग्रामीणों को चार किमी की पैदल दूरी नापनी पड़ रही है। मोटर मार्ग के लिए साढ़े तीन हेक्टेयर भूमि अधिगृहीत की गई थी। इसके एवज में सात हेक्टेयर भूमि पर पौधरोपण किया जाना था। राजस्व विभाग ने भूमि भी चिह्नित कर दी लेकिन वन विभाग रोड़े अटका रहा है। इस कारण मार्ग का निर्माण शुरू नहीं हो पा रहा है। ग्राम प्रधान शशि नौटियाल ने कहा कि जल्द मोटर मार्ग का निर्माण शुरू न होने पर क्षेत्रीय जनता के साथ आंदोलन तेज किया जाएगा। इधर, उक्रांद ने भी ग्रामीणों के आंदोलन को समर्थन दिया है। धरनास्थल पर रमेश दत्त नौटियाल, गोपाल बर्तवाल, विशंभर गौड़, सर्वेश्वर गौड़, सचिव आशा सिंह, राजेंद्र पंवार, कार्तिक बर्तवाल समेत अन्य मौजूद थे।
मयाली-चिरबटिया-घनसाली मोटर मार्ग पर पाडुली में धरना देते हुए ग्रामीणों ने कहा कि वर्ष 2010 में भरदार क्षेत्र के सेमा, लड़ियासु, बिराणगांव, जाखाल गांवों को यातायात से जोड़ने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री ने सड़क की घोषणा की थी। तब, लोनिवि ने वन विभाग के साथ मार्ग निर्माण के लिए कई बार सर्वेक्षण भी किया लेकिन एक दशक बीत जाने के बाद भी मार्ग का निर्माण शुरू नहीं हो पाया है। इससे ग्रामीण हताश हैं। यातायात सुविधा के अभाव में ग्रामीणों को चार किमी की पैदल दूरी नापनी पड़ रही है। मोटर मार्ग के लिए साढ़े तीन हेक्टेयर भूमि अधिगृहीत की गई थी। इसके एवज में सात हेक्टेयर भूमि पर पौधरोपण किया जाना था। राजस्व विभाग ने भूमि भी चिह्नित कर दी लेकिन वन विभाग रोड़े अटका रहा है। इस कारण मार्ग का निर्माण शुरू नहीं हो पा रहा है। ग्राम प्रधान शशि नौटियाल ने कहा कि जल्द मोटर मार्ग का निर्माण शुरू न होने पर क्षेत्रीय जनता के साथ आंदोलन तेज किया जाएगा। इधर, उक्रांद ने भी ग्रामीणों के आंदोलन को समर्थन दिया है। धरनास्थल पर रमेश दत्त नौटियाल, गोपाल बर्तवाल, विशंभर गौड़, सर्वेश्वर गौड़, सचिव आशा सिंह, राजेंद्र पंवार, कार्तिक बर्तवाल समेत अन्य मौजूद थे।
मोटर मार्ग के लिए धरने पर डटे रहे ग्रामीण - अमर उजाला
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