कोटद्वार तहसील क्षेत्र के अंतर्गत ऐता-चरेख मोटर मार्ग की हालत देखरेख के अभाव में खस्ता हो गई है। सड़क की डामर जगह-जगह उखड़ गई है। हालत यह है कि बरसात के दौरान कई ग्रामीणों ने इस मार्ग से आवाजाही करना भी बंद कर दिया है। पूर्व में शिकायत के बाद भी जिम्मेदार सिस्टम मार्ग मरम्मत की सुध नहीं ले रहा।
साल 2010 में दुगड्डा ब्लाक के अंतर्गत घाड क्षेत्र के चरेख, बंगला, धरगांव, उर्तिच्छा, सिमलखेत, मंज्याड़ी, कूरीखाल, लदोखी, सिमलखेत, पाली, रामड़ी, धूराताल, कैंतूगी, भेल सरूड़ा, उमरैला तल्ला व उमरैला मल्ला आदि गांवों को सड़क से जोड़ने के लिए 22.40 किलोमीटर लंबे ऐता-चरेख मोटर मार्ग को स्वीकृति मिली थी। बकायदा इसके लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना सिचाई खंड कोटद्वार इकाई की ओर से 533.74 लाख की धनराशि भी आवंटित की गई। फरवरी 2011 से मार्ग निर्माण का कार्य शुरू कर दिया गया था, जिसे अगस्त 2012 तक पूर्ण होना था, लेकिन बजट में देरी के कारण यह मार्ग वर्ष 2015 में बनकर तैयार हुआ। स्थानीय ग्रामीण सुबोध नेगी, ललित मोहन जोशी, दमयंती देवी, जोग सिंह आदि का कहना है कि वर्तमान में मार्ग पूरी तरह बदहाल हो चुका है। ऐसे में मार्ग से आवाजाही करना खतरे से खाली नहीं है। उन्होंने शासन-प्रशासन से उक्त मोटर मार्ग के लिए बजट स्वीकृत करके मरम्मत का कार्य शुरू करवाये जाने की मांग की है।
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ऐता-चरेख मोटर मार्ग हुआ खस्ताहाल - Hindustan हिंदी
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