जाटी, पिथौरागढ़/ धारचूला: सीमा मार्ग अभी भी बंद हैं। तवाघाट- तिदांग मार्ग बंद हुए 100 दिन होने को आए हैं परंतु मार्ग अभी खुलने के आसार नहीं हैं। तवाघाट-लिपुलेख मार्ग पर लामारी के पास ग्रामीण डेढ़ किमी मार्ग दलदल में चल कर पार कर रहे हैं। जिले में अभी भी 11 मार्ग मलबा नहीं हटाए जाने से बंद हैं।
तीन माह से अधिक समय से मार्ग बंद होने से सीमांत में वस्तुओं के दाम तीन गुना बढ़ चुके हैं। नमक तक के दाम 40 रु पये किलो हो चुके हैं। प्रभावित क्षेत्र में आलू, प्याज, टमाटर नदारत हैं। घर के आसपास उगा साग खाकर ग्रामीण दिन बिता रहे हैं। पैदल मार्ग तक चलने योग्य नहीं होने से ग्रामीण सबसे अधिक परेशान हैं। चार दिन पूर्व जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान ने क्षेत्र का हवाई सर्वे कर बीआरओ और केंद्रीय लोनिवि के अधिकारियों को जल्द मार्ग खोलने के निर्देश दिए हैं।
डीएम के निर्देश के बाद मार्ग खोलने के कार्य में गति तो आई है, परंतु दारमा मार्ग में कंच्योती के पास बहे पुल के स्थान पर नए पुल निर्माण की कार्रवाई अभी तक नही हुई है। तवाघाट से कंच्योती तक ही मार्ग नहीं खुला है। 17 किमी मार्ग जानलेवा बना है। ग्राम प्रधान न्यू के अपने प्रयास से कुछ स्थानों पर पैदल मार्ग चलने योग्य बनाया गया है। मार्ग नहीं खुलने पर पूर्व जिपं सदस्य आन सिंह रोकाया ने शुक्रवार से तहसील कार्यालय के सम्मुख आमरण अनशन की चेतावनी दी है।
सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण धारचूला-तवाघाट- लिपुलेख मार्ग अभी भी यातायात के लिए बंद है। धारचूला से आठ किमी दूर एलागाड से मार्ग बंद है। मालपा और बूंदी के बीच लामारी में तो स्थिति बेहद खराब बनी है। व्यास आने जाने वाले लोग इस स्थान पर जान हथेली पर रखकर दलदल बने मार्ग से आवाजाही कर रहे हैं। थल -मुनस्यारी मार्ग के समय -समय पर बंद होने तथा बड़े वाहनों के नहीं चलने से आम वस्तुएं नहीं पहुंच पा रही हैं। यहां पर भी वस्तुओं के दाम बढ़ चुके हैं। इधर अब मौसम तो कुछ शांत हुआ है, परंतु बंद मार्गों के जल्द खुलने को लेकर संशय बना है। प्रभावित जनता ने प्रशासन से क्षेत्र में आवश्यक वस्तुएं हेलीकॉप्टर से भेजने की मांग की है।
Edited By: Jagran
तवाघाट-तिदांग मार्ग 100 दिनों से बंद, सीमांत में वस्तुओं के दामों में तीन गुना बढ़ोतरी - दैनिक जागरण
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