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Saturday, September 18, 2021

धारचूला और मुनस्यारी के पांच मार्ग अभी भी बंद - दैनिक जागरण

संवाद सूत्र, धारचूला/ मुनस्यारी (पिथौरागढ़) : मानसून थम गया है और बारिश का वेग काफी कम है। विगत चार दिनों से जिले में हल्की बारिश हुई है, परंतु सीमा छोर के पांच मार्ग अभी भी बंद है। चीन सीमा से लगे 36 गांवों के अलावा आलू और राजमा उत्पादक 36 गांव भी अलग थलग पड़े हैं। सीमा से लगे गांवों की स्थिति बेहद खराब है।

जिले में बंद छह मार्गो में एक मार्ग पिथौरागढ़ का बांस-आंवलाघाट है। शेष पांच मार्ग धारचूला और मुनस्यारी के हैं। धारचूला -मुनस्यारी में मार्ग बंद होने से 60 हजार से अधिक की आबादी प्रभावित है। मुनस्यारी में मदकोट -बौना मार्ग बंद है। इस मार्ग में भारी मलबा आने से मार्ग के शीघ्र खुलने के आसार नहीं है। यह मार्ग पीएमजीएसवाइ का है। बौना क्षेत्र मुनस्यारी का प्रमुख राजमा, आलू और सेब उत्पादक क्षेत्र है। तीनों फसल इस समय तैयार है। ग्रामीणों के सम्मुख तैयार फसल को बाजार तक लाना मुश्किल हो चुका है। अधिकांश ग्रामीण आलू, राजमा पर ही निर्भर हैं।

इसके अलावा तवाघाट- सोबला-तिदांग मार्ग को बंद हुए सौ दिन हो चुके हैं। यह क्षेत्र भी आलू, राजमा उत्पादक है। सबसे बड़ी बात यह है कि अक्टूबर माह से उच्च हिमालयी गांवों के ग्रामीण घाटियों की तरफ आने लगते हैं। उच्च हिमालय में अक्टूबर माह से भारी हिमपात होने लगता है। तब तक मार्ग नहीं खुला तो ग्रामीण परेशानी में फंस जाएंगे। अलबत्त्ता व्यास घाटी को जोड़ने वाला लिपुलेख मार्ग अब एक दो स्थानों पर ही बंद है। जिसके खुलने के आसार हैं।

तल्ला जोहार का बांसबगड़ -कोटा पंद्रहपाला मार्ग बंद होने से 12 गांवों का संपर्क टूटा है। ग्रामीण 15 से 25 किमी पैदल चल कर बांसबगड़ पहुंच रहे हैं।

Edited By: Jagran

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