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करतल। पहली ही बरसात में बांदा-पन्ना मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। पूरी सड़क बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो गई है। महाराजपुर के पास गड्ढों के कारण आवागमन पर खासा असर पड़ा है। एक से दो फीट गहरे गड्ढों में तेज रफ्तार वाहनों के पलटने का खतरा बढ़ गया है।
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बांदा-पन्ना मार्ग का निर्माण मई-जून में हुआ था। यह मार्ग नरैनी, करतल सहित मध्य प्रदेश के पन्ना, छतरपुर, सतना, रीवा को जोड़ता है। प्रतिदिन सैकड़ों वाहन मार्ग से गुजरते हैं, लेकिन यह मार्ग पहली ही बरसात नहीं बर्दाश्त कर सका।
डामर पानी में बह गया और गिट्टियां उखड़ गईं। वाहनों के पहिये से उछलकर गिट्टियां राहगीरों को घायल कर रही हैं। करतल के आगे महाराजपुर के पास मार्ग में एक से दो फीट गहरे गड्ढे हो गए हैं। मार्ग से निकलते समय पूरा वाहन एक तरफ झुक जाता है। तेज रफ्तार वाहनों के पलटने व बड़ी दुघर्टना का खतरा बना हुआ है।
धनंजय, कल्लू, भूरा, श्याम प्रसाद, लाला, दीन दयाल आदि ने ठेकेदार ने मानक के अनुरूप मैटेरियल का प्रयोग नहीं किया है। सिर्फ नाम के लिए डामर व गिट्टी का इस्तेमाल किया गया, जिससे मार्ग उखड़ रहा है।
उधर, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता सुमंत का कहना है कि पूरे मार्ग का निर्माण अभी पूरा नहीं हुआ है। बीच-बीच में निर्माण होना शेष है। इस बाबत ठेकेदार को नोटिस भेजा गया है।
मार्ग के निर्माण के बाद ठेकेदार की पांच साल तक मरम्मत की जिम्मेदारी होती है। जांच कराएंगे, यदि मार्ग गड़बड़ है तो कार्रवाई की जाएगी।
बांदा-पन्ना मार्ग का निर्माण मई-जून में हुआ था। यह मार्ग नरैनी, करतल सहित मध्य प्रदेश के पन्ना, छतरपुर, सतना, रीवा को जोड़ता है। प्रतिदिन सैकड़ों वाहन मार्ग से गुजरते हैं, लेकिन यह मार्ग पहली ही बरसात नहीं बर्दाश्त कर सका।
डामर पानी में बह गया और गिट्टियां उखड़ गईं। वाहनों के पहिये से उछलकर गिट्टियां राहगीरों को घायल कर रही हैं। करतल के आगे महाराजपुर के पास मार्ग में एक से दो फीट गहरे गड्ढे हो गए हैं। मार्ग से निकलते समय पूरा वाहन एक तरफ झुक जाता है। तेज रफ्तार वाहनों के पलटने व बड़ी दुघर्टना का खतरा बना हुआ है।
धनंजय, कल्लू, भूरा, श्याम प्रसाद, लाला, दीन दयाल आदि ने ठेकेदार ने मानक के अनुरूप मैटेरियल का प्रयोग नहीं किया है। सिर्फ नाम के लिए डामर व गिट्टी का इस्तेमाल किया गया, जिससे मार्ग उखड़ रहा है।
उधर, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता सुमंत का कहना है कि पूरे मार्ग का निर्माण अभी पूरा नहीं हुआ है। बीच-बीच में निर्माण होना शेष है। इस बाबत ठेकेदार को नोटिस भेजा गया है।
मार्ग के निर्माण के बाद ठेकेदार की पांच साल तक मरम्मत की जिम्मेदारी होती है। जांच कराएंगे, यदि मार्ग गड़बड़ है तो कार्रवाई की जाएगी।
गड्ढों में तब्दील बांदा-पन्ना मार्ग - अमर उजाला
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