विगत सात दिनों से बंद जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग यातायात के लिए खुल चुका है। मार्ग खुलने से मुनस्यारी सहित आसपास के गांवों को राहत मिली है। मार्ग में भदेली और कैंथी बैंड के पास अभी भी मार्ग बंद होने का खतरा मंडरा रहा है।
पिथौरागढ़, जागरण संवाददाता : विगत सात दिनों से बंद जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग यातायात के लिए खुल चुका है। मार्ग खुलने से मुनस्यारी सहित आसपास के गांवों को राहत मिली है। मार्ग में भदेली और कैंथी बैंड के पास अभी भी मार्ग बंद होने का खतरा मंडरा रहा है।
जौलजीबी -मुनस्यारी मार्ग में भदेली और कैंथी बैंड के पास विगत सात दिनों से मार्ग बंद था। भदेली और कैंथी बैंड इस मार्ग मेंं नासूर बन चुके हैं। प्रतिवर्ष यहां पर मार्ग गोरी नदी में समा जाता है । बीआरओ नए सिरे से सड़क काटती है। जिसे देखते हुए क्षेत्रवासियों का कहना है कि प्रतिवर्ष होने वाले भारी व्यय से बचने के लिए यहां पर फल्याटी ,बसंतकोट होते हुए मार्ग सुरिंग गाड़ में पुल बना कर दरकोट दराती से जोड़ा जाए तो इस समस्या से निजात मिलेगी। इधर सात दिनों से बंद मार्ग के खोलने के बाद मदकोट से लेकर मुनस्यारी तक के लोगों को राहत मिली है।
थल-मुनस्यारी मार्ग की हालत भी दयनीय है। थल -मुनस्यारी मार्ग में विगत दिनों से ही यातायात प्रभावित है। वहीं जौलजीबी- मुनस्यारी मार्ग भी बंद होने से मुनस्यारी और बंगापानी तहसीलों की जनता को परेशानी उठानी पड़ रही थी। मार्ग बंद होने से राशन, सब्जी, गैस सहित अन्य आवश्यक वस्तुएं समय से नहीं पहुंच पा रही थी जिसके चलते सामान के दाम बढ़ गए थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि भदेली और कैंथी बैड में अभी भी मार्ग बंद होने का खतरा बना हुआ है।
जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग खुला, भदेली और कैंथी बैंड पर अभी भी बंद होने का खतरा - दैनिक जागरण
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