Publish Date: | Wed, 15 Sep 2021 07:12 PM (IST)
ब्यावरा। आधुनिक युग में भी हालात मध्ययुगीन ही बने हुए है। जहां कई गांव आज तक मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। ऐसा ही एक मामला जिले की सबसे बड़ी जनपत पंचायत ब्यावरा से महज दो किमी दूर के गांव छोटा मोतीपुरा में देखने में आया है जहां शमशान तक जाने के लिए भी व्यवस्थित मार्ग नहीं है। हर बार की बारिश में यहां कीचड़ हो जाने से श्मशान जाने वाले दुखी परिवार जनों को बेहद परेशानी के बीच उबड़-खाबड़ कीचड़ भरे मार्ग से बमुश्किल श्मशान तक पहुंच पाते है। ग्रामीणों का कहना है कि करीब 15 साल से अधिक समय पहले से ही यहां श्मशान तक के लिए मार्ग नहीं है, जिस पर किसी भी जिम्मेदार का ध्यान नहीं है। उक्त छोटा मोतीपुरा गांव बहादुरपुरा पंचायत के तहत आता है जिसमें बालापुरा गांव भी शामिल है। ग्रामीणों की माने तो इस संबंध में कई बार लिखित शिकायत किए जाने के बाद भी हालात नहीं सुधर पाएं । मंगलवार को भी गांव के नाथूलाल वर्मा का निधन हो गया। इस दौरान उन्हें अंत्येष्टि के लिए श्मशान ले जाया गया लेकिन कीचड़भरे मार्ग पर ग्रामीण बड़ी परेशानी के साथ श्मशान पहुंचे लोगों का कहना है कि सालों से इस मार्ग को सुधारने के लिए किसी ने भी चिंता नहीं की। बारिश के समय में किसी के निधन पर श्मशान पहुंचने की परेशानी कष्टदायक होती है। हांलाकि कुछ वर्ष पूर्व ग्राम पंचायत ने श्मशान से ढकोरा रोड तक सुदूर सड़क योजना में मूरम वाली सड़क बनवाई लेकिन गांव से श्मशान तक की मुख्य सड़क का हाल अभी भी बदहाल है।
Posted By: Nai Dunia News Network
श्मशान पहुंचने के लिए नहीं है पक्का मार्ग - Nai Dunia
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