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Monday, September 20, 2021

नहर मार्ग में दौड़ रही भारी वाहने, एक साल से अटका मरम्मत - Nai Dunia

Publish Date: | Mon, 20 Sep 2021 10:40 PM (IST)

कोरबा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। शहर के बीच से निकली राताखार नहर मार्ग में पिछले एक साल से भारी वाहने दौड़ रही हैं। चौड़ीकरण व रेलिंग का काम किए बिना ही 24 घंटे भारी वाहनों के चलने से नहर के स्लैब ध्वस्त हो रहे हैं। जिले की 38 किलोमीटर नहर में लगभग 18 किलोमीटर नहर जर्जर हो चुकी है। इसमें अकेले शहर के अंदर सात किलोमीटर शामिल है।

दर्री बांध से पानी छोड़े जाने पर हसदेव नदी में जल स्तर सामान्य करने नहर में पानी डायवर्ट करना पड़ा है। पहले ही नहर की हालत जर्जर है। उस पर अब अधिक जल प्रवाह की मार से नहर की स्थिति और अधिक खराब होने लगी है। उस पर आलम यह है कि 2.50 करोड़ की लागत से होने वाला मरम्मत कार्य भी पिछले एक साल से अटका है। शहर में भारी वाहनों का दबाव कम करने के लिए साल भर पहले राताखार से लगे नहर मार्ग को आवागमन के लिए खोल दिया गया। कुसमुंडा खदान से निकलने वाली तमाम कोयला से भरी भारी वाहन इस मार्ग से गुजरती हैं। मार्ग को भारी वाहनों के आवागमन के लायक बनाए बगैर चलने की अनुमति दिए जाने का बुरा असर नहर पर पड़ने लगा है। संकरा मार्ग होने की वजह एक साथ दो भारी वाहन आमने सामने हो जाते हैं तब साइड देने में असुविधा होती है। नहर के स्लैब में दबाव की वजह से जगह-जगह दरार पड़ गए हैं। इससे मिट्टी कटाव का क्रम बढ़ गया है। पिछले पांच दिनों से लगातार बारिश हो रही है। नहर में पानी छोड़ा जा रहा है। नम हो चुकी मिट्टी पर भारी वाहनों के आवागमन पर विपरीत असर पड़ रहा। मार्ग में जगह-जगह गड्ढे बन गए है। रातखार मार्ग में वैकल्पिक मरम्मत का कार्य पिछले दो साल से चल रहा। ढाई करोड़ की लागत से सड़क का चौड़ीकरण के अलावा दोनों ओर रैलिंग लगाया जाना है। भारी वाहनों की अनुमति मिलने के बाद प्रगति मार्ग में आवागमन का दबाव बढ़ गया है। कार व दोपहिया सवारों की संख्या भी मार्ग में बढ़ गई है। नहर में रौशनी की व्यवस्था नहीं होने की वजह से रात को अंधेरा छा जाता है। रैलिंग नहीं लगाए जाने के कारण आए दिन नहर में वाहन गिरने की घटनाएं होते रहती हैं। कोरोना काल के चलते सड़क का काम पूरा नहीं हुआ। नहर की दशा दिनों दिन बिगड़ती जा रही है। इस संबंध में जलसंसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता का कहना है कि नहर मार्ग को भारी वाहनों के लायक तैयार करने की जिम्मेदारी निगम प्रशासन को दी गई है। यहां यह भी बताना होगा जिले में पड़ने वाली 18 किलोमीटर नगर मार्ग को दो साल पहले मरम्मत कराया गया था। भारी वाहनों के आवागमन की स्थिति फिर से जर्जर हो चुकी है। टीपीनगर से राताखार व मिशन रोड बायपास पहुंचने के लिए पुराना पुल जर्जर हो चुका है। उसके स्थान पर नई पुल तीन साल पहले बना दी गई है। ज्यादातर भारी वाहन इसी पुल से आवगामन करती है। छोटी वाहन पुरानी पुल में चलती है जो कि दोनों ओर से रेलिंग विहीन है। जल संसाधन और निगम प्रशासन दोनों की ओर से सुध नहीं लेने से लोगों को खतरा मोल लेकर आवागमन करना पड़ रहा है।

बह गई गड्ढों में रेत भरी बोरियां

मिट्टी कटाव को रोकने नहर की सुरक्षा के लिए ध्वस्त हो चुके जिन स्थानों में रेत की बोरियां ढंकी गई थी। पानी के तेज प्रवाह के कारण नम मिट्टी में वजनी बोरियों का ठहराव नहीं हो रहा है। बोरियों के बहने से अब नहर में दरार बढ़ती जा रही है। जलसंसाधन विभाग की ओर से नहर की क्षति को रोकने के लिये वैकल्पिक व्यवस्था के तहत रेत की बोरी भराई करने लाखों खर्च किया जाता है। यह सरकारी धन का दुरुपयोग साबित हो रहा है। सुनालिया चौक रेलवे स्टेशन पहुंचने के लिए यात्री वाहनों का आवागमन नगर मार्ग से होता है। कई स्थानों से रैलिंग टूट गए हैं, जो कि वाहन चालकों के लिए खतरे का सबब साबित हो रहा ।

हर साल 50 करोड़ का राजस्व फिर भी दुर्दशा

जल प्रदाय के एवज में औद्योगिक प्रबंधनों से जल संसाधन को प्रति वर्ष 40 से 50 करोड़ का राजस्व प्राप्त होता है। इसके बाद भी स्थाई सुधार के लिए विगत कई वर्षों से पहल नहीं की गई है। नहर में कटाव बढ़ने के कारण कई स्थानों में खतरे की स्थिति बनी हुई है। बांगो का गेट खुलने और बारिश जारी रहने से नहर में पानी का प्रवाह लगातार। शहर के भीतर पानी की गति को कम करने लिए रशियन हास्टल के पास सायफन निर्माण की योजना है। जल संसाधन संचालनालय से अनुमति नहीं मिलने से काम शुरू नहीं हुआ है। लिहाजा समय रहते नहीं कराए जाने से नहर में दोहरी क्षति होने के आसार नजर आ रहे हैं।

फैक्ट फाइल

38- किमी जिले में नहर की लंबाई

16 - किमी हो चुकी है जर्जर

10- किमी मार्ग भारी वाहन प्रभावित

2.50- करोड़ रूपये राताखार मार्ग के लिए स्वीकृत

कोरोन काल के कारण सड़क की चौड़ाई और रैलिंग लगाने का काम बाधित था। बारिश समाप्त के बाद निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।

कुलदीप शर्मा, आयुक्त नगर निगम

Posted By: Nai Dunia News Network

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