शाहजहांपुर में कटरा-खुदागंज मार्ग पर बारिश में बने भारी गड्ढे। संवाद - फोटो : SHAHJAHANPUR
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शाहजहांपुर/खुदागंज। लखनऊ-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग की हुलासनगरा क्रॉसिंग बंद होने पर बरेली की ओर से आने वाले वाहनों का रूट डायवर्ट कर उन्हें फरीदपुर से खुदागंज होते हुए कटरा तक निकाला जाता है। सिंगल लेन के ये मार्ग कदम-कदम पर गड्ढों से बुरी तरह जर्जर हो चुके हैं। इन मार्गों की 44 किमी दूरी तय करने के दौरान भारी वाहन हिचकोले खाते हुए आगे बढ़ते हैं।
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फरीदपुर से कटरा तक 28 किमी के सफर में वाहन चालकों को तमाम बाधाओं का सामना करना पड़ता है। खास यह है कि 16 किमी लंबा कटरा-खुदागंज मार्ग को गत वर्ष नेशनल हाईवे का दर्जा देकर उसे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को हस्तांतरित किया जा चुका है। इसके बावजूद इन मार्गों को सुधारने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा।
एनएच का दर्जा मिला, फिर भी नहीं सुधरा कटरा-खुदागंज मार्ग
लखनऊ-दिल्ली हाईवे से जुड़ने वाला 16 किमी लंबा कटरा-खुदागंज मार्ग सिंगल लेन है। भारी वाहनों के दौड़ने लायक नहीं है। गड्ढों में भारी वाहन फंसने से जाम लग जाता है, जबकि उसे नेशनल हाईवे का दर्जा देकर कटरा-बिल्हौर हाईवे से जोड़ने की योजना बनाई जा चुकी है। कटरा से कमलापुर के बीच आठ किमी हिस्से में गत वर्ष बिछाई गई डामर की नई परत भी उखड़ने लगी है। खुदागंज से कमलापुर तक रोड बेहद खस्ताहाल है। कमलापुर से आगे शारदा नहर की पुलिया के आगे सड़क की दुर्दशा हो गई है। यही हाल अकबरपुर और अकबरिया गांव के पास है। अकबरिया से खुदागंज के बीच म्यूना गांव की शारदा नहर की पुलिया से लगभग 50 कदम आगे गड्ढों से पता करना मुश्किल है कि सड़क कहां है।
फरीदपुर-खुदागंज मार्ग की डगर बेहद कठिन
खुदागंज से फरीदपुर तक 26 किमी की डगर बेहद कठिन हो गई है। यह दूरी तय करने में 90 मिनट लग रहे हैं। अधिकांश बाहरी लोग इसी मार्ग से गुजरते हैं। जर्जर मार्ग के किनारे बसे गांवों में कोई व्यक्ति बीमार पड़ने पर उसे अस्पताल तक ले जाना कठिन होता है। इसकी वजह से अक्सर रास्ते में ही मरीज दम तोड़ देते हैं। इसी रोड से खुदागंज से दिल्ली के लिए रोडवेज बस भी नाव की तरह डोलती हुई गुजरती हैं। कई बार ऐसा भी हुआ कि हुलासनगरा क्रॉसिंग बंद होने पर हाईवे का ट्रैफिक डायवर्ट किए जाने पर गड्ढों में वाहन पलटने से रास्ता बंद हो गया।
लोगों को मजबूरी में इस मार्ग से आवागमन करना पड़ रहा है, क्योंकि अक्सर दुर्घटनाएं हो रही हैं। वाहन चालक रात के समय आए दिन चोटिल हो रहे हैं। मार्ग की मरम्मत हो जाती तो आसपास के ग्रामीणों व दूर दराज के राहगीरों को आने-जाने में परेशानी नहीं होगी। -फरहान आलम, ग्राम प्रधान, जलालपुर (खुदागंज)
दोनों मार्ग इतने खराब हो गए हैं कि जगह जगह खाईनुमा जानलेवा गड्ढे बन गए हैं। जहां गड्ढे नहीं हैं, वहां गिट्टी, बोल्डर व नुकीले पत्थर बिखरे पड़े हैं। मामूली बारिश में यह मार्ग और भी खतरनाक रूप ले लेते हैं। हाईवे का विकल्प माने जाने वाले रास्तों की मरम्मत नहीं हुई है। -लखपत सिंह, ग्राम प्रधान, दिउरिया (खुदागंज)
फरीदपुर-खुदागंज मार्ग के जनपद की सीमा में आने वाले आधे हिस्से की मरम्मत कराई जाती है। खुदागंज-कटरा मार्ग को कटरा से जलालाबाद-बिल्हौर मार्ग से जोड़कर उसे नेशनल हाईवे का अंग बना लिया है और अब उसकी मरम्मत एनएचएआई की बरेली इकाई को करानी है। - आरके पिथौरिया, अधिशासी अभियंता, लोनिवि (प्रांतीय खंड)
फरीदपुर से कटरा तक 28 किमी के सफर में वाहन चालकों को तमाम बाधाओं का सामना करना पड़ता है। खास यह है कि 16 किमी लंबा कटरा-खुदागंज मार्ग को गत वर्ष नेशनल हाईवे का दर्जा देकर उसे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को हस्तांतरित किया जा चुका है। इसके बावजूद इन मार्गों को सुधारने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा।
एनएच का दर्जा मिला, फिर भी नहीं सुधरा कटरा-खुदागंज मार्ग
लखनऊ-दिल्ली हाईवे से जुड़ने वाला 16 किमी लंबा कटरा-खुदागंज मार्ग सिंगल लेन है। भारी वाहनों के दौड़ने लायक नहीं है। गड्ढों में भारी वाहन फंसने से जाम लग जाता है, जबकि उसे नेशनल हाईवे का दर्जा देकर कटरा-बिल्हौर हाईवे से जोड़ने की योजना बनाई जा चुकी है। कटरा से कमलापुर के बीच आठ किमी हिस्से में गत वर्ष बिछाई गई डामर की नई परत भी उखड़ने लगी है। खुदागंज से कमलापुर तक रोड बेहद खस्ताहाल है। कमलापुर से आगे शारदा नहर की पुलिया के आगे सड़क की दुर्दशा हो गई है। यही हाल अकबरपुर और अकबरिया गांव के पास है। अकबरिया से खुदागंज के बीच म्यूना गांव की शारदा नहर की पुलिया से लगभग 50 कदम आगे गड्ढों से पता करना मुश्किल है कि सड़क कहां है।
फरीदपुर-खुदागंज मार्ग की डगर बेहद कठिन
खुदागंज से फरीदपुर तक 26 किमी की डगर बेहद कठिन हो गई है। यह दूरी तय करने में 90 मिनट लग रहे हैं। अधिकांश बाहरी लोग इसी मार्ग से गुजरते हैं। जर्जर मार्ग के किनारे बसे गांवों में कोई व्यक्ति बीमार पड़ने पर उसे अस्पताल तक ले जाना कठिन होता है। इसकी वजह से अक्सर रास्ते में ही मरीज दम तोड़ देते हैं। इसी रोड से खुदागंज से दिल्ली के लिए रोडवेज बस भी नाव की तरह डोलती हुई गुजरती हैं। कई बार ऐसा भी हुआ कि हुलासनगरा क्रॉसिंग बंद होने पर हाईवे का ट्रैफिक डायवर्ट किए जाने पर गड्ढों में वाहन पलटने से रास्ता बंद हो गया।
लोगों को मजबूरी में इस मार्ग से आवागमन करना पड़ रहा है, क्योंकि अक्सर दुर्घटनाएं हो रही हैं। वाहन चालक रात के समय आए दिन चोटिल हो रहे हैं। मार्ग की मरम्मत हो जाती तो आसपास के ग्रामीणों व दूर दराज के राहगीरों को आने-जाने में परेशानी नहीं होगी। -फरहान आलम, ग्राम प्रधान, जलालपुर (खुदागंज)
दोनों मार्ग इतने खराब हो गए हैं कि जगह जगह खाईनुमा जानलेवा गड्ढे बन गए हैं। जहां गड्ढे नहीं हैं, वहां गिट्टी, बोल्डर व नुकीले पत्थर बिखरे पड़े हैं। मामूली बारिश में यह मार्ग और भी खतरनाक रूप ले लेते हैं। हाईवे का विकल्प माने जाने वाले रास्तों की मरम्मत नहीं हुई है। -लखपत सिंह, ग्राम प्रधान, दिउरिया (खुदागंज)
फरीदपुर-खुदागंज मार्ग के जनपद की सीमा में आने वाले आधे हिस्से की मरम्मत कराई जाती है। खुदागंज-कटरा मार्ग को कटरा से जलालाबाद-बिल्हौर मार्ग से जोड़कर उसे नेशनल हाईवे का अंग बना लिया है और अब उसकी मरम्मत एनएचएआई की बरेली इकाई को करानी है। - आरके पिथौरिया, अधिशासी अभियंता, लोनिवि (प्रांतीय खंड)
हुलासनगरा क्रॉसिंग पर जाम से बचाने के वैकल्पिक मार्ग बदहाल - अमर उजाला
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