जागरण संवाददाता,मुरादनगर: 40 से ज्यादा गांवों की लाइफलाइन कहा जाने वाला पाइपलाइन मार्ग बरसों से बदहाल है। इसके निर्माण को लेकर किसी भी स्तर से कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। गंगनहर से निकलने वाली रेत भी इस मार्ग के किनारे डाल दी जाती है। इससे आते-जाते वाहनों से और हवा चलने पर धूल उड़ती है। इससे लोग परेशान हैं।
दरअसल, सरना, शहजादपुर, जलालपुर, सहबिस्वा, भिक्कनपुर भदौली, मनौली, मकरेड़ा, बहादुरपुर, नवीपुर, सुल्तानपुर समेत 40 से ज्यादा गांवों की लाखों की आबादी की आवाजाही पाइपलाइन मार्ग से ही सुलभ होती है। मुरादनगर से लोनी होकर दिल्ली जाने के लिए भी यह मार्ग काफी उपयुक्त है। हाईवे की अपेक्षा इधर से लोनी जाने की दूरी भी कम है। इससे लोगों का समय और धन बचता है। ऐसी स्थिति के बावजूद मार्ग पिछले एक साल से मार्ग बदहाल है। जर्जर मार्ग से न सिर्फ हादसे बढ़ रहे हैं, बल्कि लूट, छिनैती जैसी घटनाएं भी बढ़ गई हैं। स्थिति यह है कि लोगों को 20 मिनट की दूरी को तय करने में भी एक घंटे से ज्यादा का वक्त लगता है।
मार्ग के निर्माण और इसके चौड़ीकरण की मांग को लेकर लगातार गुहार लगाई जा रही हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी है। विकास संघर्ष समिति के सचिव सलेक भैया ने बताया कि केंद्रीय मंत्री वीके सिंह, जिलाधिकारी, एसडीएम से लेकर दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों से लिखित शिकायत के बावजूद सुनवाई नहीं हुई है। हालांकि एक बार सड़क पर काम शुरू हुआ था, लेकिन अब फिर वह काम रोक दिया गया है। चेतावनी दी कि यदि जल्द सड़क का निर्माण नहीं हुआ, तो आंदोलन होगा। उधर, इस संबंध में एसडीएम शुभांगी शुक्ला का कहना है कि संबंधित विभाग को पत्र लिखकर समस्या का हल कराया जाएगा।
Edited By: Jagran
पाइपलाइन मार्ग जर्जर, राहगीर परेशान - दैनिक जागरण
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