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Sunday, October 3, 2021

उत्तराखंड की सीमा के भीतर सड़क मार्ग से जुड़ेंगे गढ़वाल और कुमाऊं, जानिए कैसे - दैनिक जागरण

जागरण संवाददाता, कोटद्वार। लालढांग-चिलरखाल वन मोटर मार्ग पर डामर बिछने के साथ ही अब राज्य की सीमा के भीतर गढ़वाल-कुमाऊं को जोड़ने को कंडी रोड (लालढांग-चिलरखाल-कोटद्वार-पाखरो-कालागढ़-रामनगर) को पुन: जीवित होने की उम्मीदें भी नजर आने लगी है। दरअसल, राज्य गठन के बाद से आज तक कंडी रोड के निर्माण को लेकर वन कानूनों का ऐसा शिकंजा कसा हुआ था, जो तमाम प्रयासों के बाद भी नहीं खुल पा रहा था।

प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री डा हरक सिंह रावत के अथक प्रयासों की बदौलत लालढांग-चिलरखाल वन मोटर मार्ग पर डामर बिछना शुरू हो गया है। ऐसे में आमजन को उम्मीद है कि भविष्य में पाखरो-कालागढ़-रामनगर वन मार्ग भी भी डामर बिछ जाएगा। बीस वर्ष, दस मुख्यमंत्री और परिणाम शून्य। अभी तक यह रिपोर्ट कार्ड उस कंडी रोड (रामनगर-कालागढ़-कोटद्वार-लालढांग-हरिद्वार) का था, जिससे प्रदेश का शायद प्रत्येक शख्स वाकिफ है, लेकिन लालढांग-चिलरखाल वन मोटर मार्ग पर शुरू हुए डामरीकरण कार्य ने इस रिपोर्ट कार्ड में कुछ जान अवश्य भर दी है।

दरअसल, उत्तराखंड राज्य में प्रदेश की राजधानी देहरादून को नैनीताल हाईकोर्ट से सूबे के भीतर ही सीधे आपस में जोड़ने वाली कोई सड़क आज भी नहीं है। दोनों मंडलों के वाशिंदे आज भी उत्तर प्रदेश से होकर गुजरते हैं। परिणाम, लंबी दूरी का किराया व यूपी के टैक्स की मार। ऐसे में कंडी रोड एक ऐसा विकल्प है, जो आमजन को इस परेशानी से निजात दिला दे। लेकिन, पहाड़ की इस 'लाइफ लाइन' को वन कानून निगल गए।

बताना जरूरी है कि कंडी रोड निर्माण को लोक निर्माण विभाग दुगड्डा ने 1976 में डीपीआर बनाई थी। जिसमें कोटद्वार से गूलरस्त्रोत तक 19.37 किलोमीटर व लालढांग गांव से रामनगर तक 20 किलोमीटर का निर्माण लोनिवि ने किया। लेकिन, वन संरक्षण अधिनियम के लागू होने के बाद इस मार्ग के शेष हिस्से का निर्माण रुक गया और आज भी इस मार्ग पर इसी अधिनियम का पेंच फंसा है।

पिछले साढ़े चार वर्षों के कंडी रोड के तहत पड़ने वाले लालढांग-चिलरखाल वन मोटर मार्ग के डामरीकरण की लड़ाई लड़ रहे प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री डा हरक सिंह का प्रयास अब रंग लाने लगा है। लालढांग-चिलरखाल वन मोटर मार्ग का डामरीकरण शुरू हो गया। इस डामरीकरण के बाद अब सवाल यह उठ रहा है कि कंडी रोड पर पाखरो-कालागढ़-रामनगर के बीच डामरीकरण कार्य कब शुरू होगा?

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