जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : मैं ओल्ड फरीदाबाद रेलवे स्टेशन हूं। प्रतिदिन हजारों यात्रियों के आवागमन का गवाह। पिछले कई वर्षों में मेरे प्लेटफार्म सुंदर बने हुए हैं। यहां पार्किंग बनी है। मेरा स्वरूप बदला है। मेरी काया को नया बनाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च हुए हैं। दूर-दराज से आने वाले यात्री राष्ट्रीय राजमार्ग की ओर से मुझ तक पहुंचते हैं, तो उन्हें गुड फील होता है, पर जब एनआइटी की ओर से मुख्य प्रवेश द्वार से यात्री प्रवेश करते हैं, तो शासन-प्रशासन को कोसते हुए, मन ही मन अपशब्द कहते हुए निकलते हैं।
दरअसल मुझ तक पहुंचने वाला मार्ग पिछले लंबे समय से नहीं बल्कि महीनों से सीवर के पानी में डूबा हुआ है। एनआइटी थाने के पास गोल चक्कर से जब स्टेशन रोड के लिए पैदल यात्रियों के कदम पड़ते हैं, वाहनों में बैठे यात्री स्टेशन की ओर बढ़ते हैं, तो उनकी पीड़ा के पल शुरू हो जाते हैं।
अब एक तरफ स्टेशन का नया चमचमाता भवन औद्योगिक नगरी के विकास की कहानी कहता है और दूसरी ओर रोड पर जमा सीवर का पानी शहर की बिगड़ी हुई तस्वीर दिखाता है। यह भी कहा जाता है कि रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े फ्लाईओवर उस शहर के प्रवेश द्वार कहे जाते हैं, क्योंकि इन्हीं रास्तों से बाहर से आने वाले लोग शहर में कदम रखते हैं और प्रवेश द्वार से जो पहली तस्वीर मन-मस्तिष्क पर उभरती है, वही हमेशा के लिए रच बस जाती है।
मैंने अपनी व्यथा बयां कर दी है, शायद मेरी दर्द भर कहानी को सुन कर, पढ़ कर प्रशासनिक अधिकारी, जन प्रतिनिधियों का दिल पसीज जाए, उनका ध्यान इस ओर पड़ जाए और मार्ग की दशा सुधारने कोई कदम उठा लिए जाएं।
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दावे तो हुए, पर स्थायी समाधान नहीं
रेलवे रोड पर चार वर्षों से सीवर का पानी जमा है। लोगों ने कई बार विरोध प्रदर्शन किए हैं। कई बार निगम अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों की तरफ से समाधान के दावे तो हुए, पर अब तक स्थायी समाधान नहीं किया गया है। स्टेशन के सामने वाले रोड पर न्यू कालोनी और गांधी कालोनी है। यहां कई दुकानें भी हैं। दुकान के आगे सीवर का पानी जमा होने से काम-धंधों पर भी असर पड़ रहा है। गांधी कालोनी चौक से न्यू कालोनी मोड़ तक अक्सर सीवर जाम रहती है।
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हमने कई बार जनप्रतिनिधियों और निगम अधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराया है। किसी ने अब तक गंभीरता नहीं दिखाई।
-महेश कुमार
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रेलवे रोड के दुकानदारों और यहां के निवासियों ने कई बार रोष प्रदर्शन किया है। नगर निगम ने सिर्फ आश्वासन दिया है। राहत नहीं दी है।
-राजकुमार।
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मैं कई बार इस रास्ते से स्कूटी से निकलता हूं। रेलवे स्टेशन के सामने जमा पानी में से संभल-संभल कर चलना पड़ता है। जब कभी दिल्ली जाता हूं, तो रेलवे स्टेशन देखकर खुशी होती है कि यह काफी सुंदर बन गया है, पर बदहाल रोड सारी खुशी काफुर कर देती है।
-दलजीत सिंह।
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रेलवे स्टेशन रोड की सीवर लाइनों के जाम होने की समस्या जल्द दूर होगी। यह लाइन बाटा चौक होते हुए मुजेसर डिस्पोजल तक जाती है। नीलम-बाटा रोड के पास सीवर लाइनों की सफाई का काम शुरू किया गया है।
-श्याम सिंह, कार्यकारी अभियंता, नगर निगम।
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अब तक किए गए विरोध प्रदर्शन
-गांधी कालोनी रेलवे स्टेशन रोड के लोगों ने 3 फरवरी, 2020 को चेतावनी दी थी कि वह सड़क जाम करेंगे।
-21 फरवरी, 2020, कई लोगों ने फेस बुक पर सीवर जाम का मुद्दा उठाया था।
-13 अगस्त, 2020, लोगों ने गांधी कालोनी चौक पर विरोध प्रदर्शन किया
-30 अगस्त, 2020, फिर से यहां लोगों ने जाम लगाया।
-21 सितंबर, 2021, सीवर जाम के मुद्दे पर लोग सड़कों पर उतरे।
Edited By: Jagran
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