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Wednesday, December 1, 2021

हिमाचल: चीन बॉर्डर के लिए बनेगा देश का सबसे ऊंचा तीसरा डबल लेन मार्ग - अमर उजाला

संवाद न्यूज एजेंसी, केलांग (लाहौल-स्पीति) Published by: Krishan Singh Updated Thu, 02 Dec 2021 02:39 AM IST

सार

हिमाचल प्रदेश के साथ लगते चीन बॉर्डर से सटे देश के सैन्य ठिकानों को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार 202 किलोमीटर लंबे ग्रांफू-काजा-समदो मार्ग को डबल लेन करने जा रही है। इसकी कुल चौड़ाई करीब 60 फीट होगी। साल 2022 में लोसर से बातल के बीच सड़क चौड़ा करने का काम शुरू हो जाएगा।

ग्रांफू-समदो मार्ग - फोटो : संवाद

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विस्तार

सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण ग्रांफू-काजा-समदो मार्ग जल्द ही देश का तीसरा सबसे अधिक ऊंचाई पर बनने वाला डबल लेन मार्ग होगा। इससे पहले लद्दाख में 17673 फीट की ऊंचाई पर नोबरा और 17582 फीट की ऊंचाई पर मनाली-लेह सड़क मार्ग का निर्माण किया गया है। यह सड़क 10600 फीट की ऊंचाई पर समदो से शुरू होकर 14931 फीट ऊंचे कुंजम दर्रा से होते हुए 10700 फीट ऊंचे ग्रांफू में मिलेगी। हिमाचल प्रदेश के साथ लगते चीन बॉर्डर से सटे देश के सैन्य ठिकानों को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार 202 किलोमीटर लंबे ग्रांफू-काजा-समदो मार्ग को डबललेन करने जा रही है।
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इसकी कुल चौड़ाई करीब 60 फीट होगी। साल 2022 में लोसर से बातल के बीच सड़क चौड़ा करने का काम शुरू हो जाएगा। चीन बॉर्डर से सटे समदो और कौमिक में भारतीय सेना और आईटीबीपी के बेस कैंप मौजूद हैं। वर्तमान में ग्रांफू से लोसर के बीच 65 किलोमीटर के दायरे में सड़क की हालत बेहद खराब है। इस बीच वाहनों की अधिकतम गति महज 15 से 30 किलोमीटर प्रति घंटा तक रहती है। यही वजह है कि ग्रांफू से काजा तक केवल 120 किलोमीटर की दूरी तय करने में 8 से 10 घंटे का वक्त लग जाता है। डबललेन बन जाने से यह दूरी महज तीन घंटे में पूरी होगी। 

ग्रांफू से बातल तक भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी 
सीमा सड़क संगठन ने ग्रांफू-काजा-समदो की डीपीआर तैयार कर केंद्र सरकार को भेजी थी। डीपीआर को स्वीकृति मिलने के बाद लोसर से बातल तक भू अधिग्रहण के लिए वन मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। बातल से ग्रांफू तक भू अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है। इस जगह पर करीब एक हजार बीघा भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। ग्रांफू-काजा-समदो सड़क के चकाचक होने के बाद मनाली के पास स्थित सेना के ट्रांजिट कैंप से समदो पहुंचने में सैन्य वाहनों को चंद घंटों का वक्त लगेगा। 

डबललेन बनने के बाद पहली बार दौड़ेंगे सेना के वाहन
केलांग। ग्रांफू-काजा-समदो सड़क मार्ग के डबललेन बनने से समदो बॉर्डर के लिए इस रूट से पहली बार सेना के वाहन दौड़ेंगे। फिलहाल समदो बॉर्डर तक पहुंचने के लिए सेना वाया शिमला-किन्नौर के रास्ते सीमा तक पहुंचती है। पठानकोट से चलने वाले सैन्य वाहन वाया शिमला किन्नौर की बजाय मनाली-अटल टनल होते हुए ग्रांफू की तरफ से आसानी और जल्दी बॉर्डर तक पहुंच सकेंगे। शिमला से समदो बॉर्डर तक करीब 400 किमी की दूरी है जबकि मनाली से समदो की दूरी महज 250 किमी है।

सड़क का निर्माण दीपक प्रोजेक्ट के 108 और 94 आरसीसी मिलकर करेंगे। लोसर से बातल तक सड़क चौड़ा करने के लिए वन मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। 
- राजेंद्र गडफा, सीमा सड़क संगठन के 108 आरसीसी के सहायक अभियंता 

ग्रांफू से बातल तक सड़क मार्ग के लिए भू अधिग्रहण की औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं।  निशानदेही के बाद वन विभाग को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। - नरेंद्र, तहसीलदार लाहौल 

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